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हरियाणा में ई टेंडरिंग पर बवाल जारी, भिवानी में सीएम के कार्यक्रम का विरोध करेंगे सरपंच

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Published : Feb 7, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Feb 7, 2023, 10:40 PM IST

हरियाणा में ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल पर सरपंचों का सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है. सरपंचों का कहना है कि जब तक सरकार फैसले वापस नहीं लेती उनका धरना-प्रदर्शन (Sarpanchs protest against e tendering) जारी रहेगा. इसके साथ ही सरपंचों ने 11 फरवरी को भिवानी में होने वाले सीएम के कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी है.

Sarpanchs protest against e tendering
हरियाणा में ई टेंडरिंग पर बवाल

भिवानी में सरपंचों का प्रदर्शन.

भिवानी/सोनीपत: हरियाणा में ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरकार के खिलाफ सरपंचों का प्रदर्शन जारी है. इन्हें वापस लेने के लिए प्रदेश भर में सरपंच सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं. आज प्रदेश भर में सरपंच सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. हालांकि सरकार ने कहा कि ई-टेंडरिंग सरपंचों के हित में है. वहीं, सरपंचों में भिवानी में 11 फरवरी को होने वाले सीएम मनोहर लाल के कार्यक्रम का विरोध करने का ऐलान कर दिया है.

भिवानी में सरपंचों का प्रदर्शन:ई-टेंडरिंग और राइट टी रिकॉल प्रणाली के विरोध में भिवानी के बीडीओ कार्यालय के बाहर सरपंचों ने धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान सरपंचों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की. जिसके तहत 8 फरवरी से प्रदेश सरकार के नुमाइंदों के आवास का घेराव किया जाएगा. साथ ही उन्होंने 11 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भिवानी दौरे का विरोध करने की चेतावनी भी दी है. सरपंचों ने आरोप लगाया कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से काम समय पर पूरे नहीं हो पाते और ठेकेदारों पर से सरपंचों का अधिकार समाप्त हो जाता है, जिसके चलते काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता में कमी आएगी. इसलिए वे ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं.

इ टेंडरिंग के विरोध में भिवानी में सरपंचों का प्रदर्शन.

धरने पर बैठे सरपंचों ने कहा कि राइट टू रिकॉल के जरिए क्या गुजरात से सरपंच लाएंगे. सरपंच तो गांव का ही व्यक्ति चुना जाता है. उन्होंने कहा कि गांव में कोई विकास कार्य नहीं होगा, क्योंकि ई टेंडरिंग के माध्यम से सरकार अपने एजेंटों को रुपए दे रही है. जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा जल्द सरकार उनकी मांग को मानें. उन्होंने कहा कि सरकार ने गांवों के विकास कार्यों के लि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें काफी झोल है. सरपंचों ने प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा है कि जब तक ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को वापस नहीं लिया जाता और सरपंचों के राइट टू रिकॉल नियमों को समाप्त नहीं किया जाता तबतक विरोध जारी रहेगा.

सोनीपत में बेड़ियां बांधकर धरने पर बैठे सरपंच: हरियाणा में ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को लेकर सरपंच और सरकार में गतिरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सरपंच एसोसिएशन के आह्वान पर आज सोनीपत के राई से विधायक मोहनलाल बडोली के आवास के बाहर सरपंचों ने अपने आप को बेड़ियों से जकड़ कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. सरपंच लगातार सरकार के खिलाफ इन दोनों व्यवस्थाओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

सोनीपत में सरपंचों का प्रदर्शन.

सरपंच का कहना है जब तक इन दोनों व्यवस्थाओं को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हम सरकार के खिलाफ अपना हल्ला बोल जारी रखेंगे. प्रदर्शन कर रहे सरपंचों ने सरकार में कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द से जल्द नहीं मानी तो वह सभी विधायकों के घरों के बाहर आमरण अनशन शुरू कर देंगे.

फतेहाबाद में सरकार के खिलाफ सरपंचों का प्रदर्शन: फतेहाबाद ई टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों के द्वारा विधायक दुडाराम के घर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान सरपंचों ने पंचायत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. सरपंचों का कहना ई टेंडरिंग के खिलाफ आज से विधायकों के घर के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है. जब तक विधायक उनकी आवाज सरकार तक नहीं पहुंचाएंगे, तब तक सरपंच विधायकों के घर के बाहर से नहीं उठेंगे.

इ टेंडरिंग के विरोध में फतेहाबाद में सरपंचों का प्रदर्शन.

वहीं, सरपंच एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सरपंच एसोसिएशन के प्रवक्ता चंद्रमोहन पोटलिया ने बताया कि आज से उनके द्वारा पूरे हरियाणा में विधायकों के घर के बाहर धरना शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक विधायक विधानसभा में उनकी आवाज नहीं उठाएंगे तब तक वह विधायकों के घर के बाहर से धरना समाप्त नहीं करेंगे. सरपंच एसोसिएशन ने कहा कि सरकार के द्वारा जो 5 लाख की सीमा ई टेंडरिंग में बढ़ाकर सरकार के सरपंचों को मनाने की बात कही जा रही है, वह सरासर गलत है.

रोहतक में सरपंचों के बाद जिला पार्षद भी उतरे ई-टेंडरिंग के विरोध में: सरपंचों के बाद अब जिला पार्षद भी ई टेंडरिंग प्रणाली के विरोध में आ गए हैं. इसके साथ ही जिला पार्षदों ने इस प्रणाली को रद्द करने की मांग की है. मंगलवार को रोहतक में जिला परिषद के सदस्यों ने ई टेंडरिंग प्रणाली के विरोध में लघु सचिवालय में डीसी यशपाल को ज्ञापन सौंपा. जिला पार्षदों का कहना है कि गांवों में विकास कार्यों के लिए पुरानी प्रणाली ही लागू की जाए. इनका कहना है कि नई प्रणाली से विकास कार्यों में बाधा आएगी. इसके अलावा पार्षदों ने अपना मानदेय बढ़ाने की मांग भी की है.

क्या है सरपंचों की मांगें?: बता दें कि हरियाणा सरकार के फैसलों के अनुसार आब पंचायतों के जो 2 लाख से अधिक के काम होंगे वे ई टेंडरिंग के माध्यम से होंगे. इसके अलावा सरकार ने सरपंचों को लेकर राइट टू रिकॉल का भी फैसला लिया है. ऐसे में प्रदेश के सरपंच इसका विरोध कर रहे हैं और वे सरकार से इन फैसलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. साथ ही पंचायतों को पूरे अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

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Last Updated : Feb 7, 2023, 10:40 PM IST

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