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भिवानी: पीटीआई अध्यापकों ने फूंका जेजेपी विधायक नैना चौटाला का पुतला - पीटीआई अध्यापक पुतला दहन भिवानी

पीटीआई अध्यापकों ने सोमवार को जेजेपी विधायक नैना चौटाला का पुतला जलाया और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करके उनका रोजगार वापस दे.

pti teachers burnt effigy of jjp mla naina chautala in bhiwani
पीटीआई अध्यापकों ने फूंका जेजेपी विधायक नैना चौटाला का पुतला

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Published : Jun 29, 2020, 5:07 PM IST

भिवानी:हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने सोमवार को पूरे प्रदेश में जेजेपी विधायक नैना चौटाला के हरि चुनरी चौपाल कार्यक्रम का विरोध किया और पुतला जलाया. समिति के प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने बताया कि हरियाणा सरकार सत्ता में आने से पहले सबका साथ-सबका विकास और हरि चुनरी चौपाल के माध्यम से महिलाओं को मान सम्मान दिलाने की बात कही थी लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार अपने वायदे को भूल गई.

उन्होंने बताया कि साल 2010 में नियुक्त किए गए 1983 पीटीआई अध्यापकों में बहुत सी महिला अध्यापक हैं. जो अपने परिवार की एकलौती कमाने वाली है. उन्हीं की कमाई से घर चलता है लेकिन सरकार ने उनका भी ख्याल नहीं किया.

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वहीं बलजीत तालू और मंजीत ग्रेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार सभी 1983 पीटीआई अध्यापकों को अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करके रोजगार वापस दे सकती है. उन्होंने कहा कि अनेकों उदाहरण हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले कर्मचारियों के विरुद्ध आने के बाद हरियाणा सरकार अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनकी सेवाएं जारी रखी हैं. इसलिए उनकी अपील है कि सरकार पीटीआई अध्यापकों को रोजगार वापस दे.

क्या है पीटीआई शिक्षकों का मामला?

दरअसल भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में 1983 पीटीआई अध्यापकों की भर्ती की गई थी. जो विद्यार्थीे भर्ती परीक्षा में फेल हो गए थे. उन्होंने र्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका दायर की.याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी कहा गया था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ चयनित पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इसके बाद से ही पीटीआई अध्यापक लगातार सरकार पर नियुक्ति का दबाव बना रहे हैं.

बर्खास्त किए गए पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहीं भी नियुक्त किए गए पीटीआई अध्यापकों को गलत नहीं माना. पीटीआई अध्यापकों कहा कहना है कि सरकार की गलती की सजा उनको नहीं मिलनी चाहिए. इसलिए हरियाणा सरकार उन्हें दोबारा नियुक्त करे.

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