भिवानी: 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण के फेर में फंसा अन्नदाता अपनी फसल को मंडी में बेचने के लिए भटक रहा है. लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. किसान अपनी फसल बेचने के लिए अधिकारियों के पास हाजिरी लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनके किसी भी बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
किसानों की परेशानी देखते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि 'सभी किसानों की उपज का दाना-दाना खरीदा जाए. चाहे किसी किसान का उत्पाद पोर्टल पर वेरिफाई ना हुआ हो.' लेकिन मंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अधिकारी पहले पोर्टल पर वेरिफाईड किसानों की ही उपज खरीदने की बात कह रहे हैं.
बता दें कि अनेक किसान कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में 19 तारीख तक अपना गेहूं का ब्योरा दर्ज नहीं करा पाए हैं. ऐसे किसानों ने सरकार से मांग की है कि गेहूं के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा फिर खोला जाए. जिससे वो अपनी फसल बेच सकें.
किसान हैं परेशान
किसान पृथ्वी सिंह श्योराण ने बताया कि अनेक किसान ऐसे हैं. जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर रखा है, मगर जब वे यहां मार्केट कमेटी कार्यालय में पूठताछ करते हैं. तो उन्हें बताया जाता है कि आपका पंजीकरण नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि कई किसान ऐसे हैं जिनका पोर्टल पर जानकारी के अभाव में सरसों की जगह राई फसल का ब्यौरा दर्ज हो गया है. वे अब इसको ठीक कराने के लिए भटक रहे हैं.
किसान पृथ्वी सिंह ने बताया कि मंडी अधिकारी किसानों की बात सुन ही नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी किसान अपनी फसल को साफ-सुथरा करके मंडी लाता है. लेकिन मंडी में अधिकारी कभी झड़ाई तो कभी नमी का बहाना करके किसानों को लूट रहे हैं.