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भिवानी में पोर्टल पर पंजीकरण के फेर में फंसा किसान, मनमानी कर रहे अधिकारी - कृषि मंत्री जेपी दलाल भिवानी अनाज मंडी

जिन किसानों का 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण नहीं है. मंडी में अधिकारी उन किसानों को फसल बेचने के लिए टोकन जारी नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते किसान दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

officers not buying  grain from unverified farmers in bhiwani anaj mandi
officers not buying grain from unverified farmers in bhiwani anaj mandi

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Published : Apr 22, 2020, 7:46 PM IST

भिवानी: 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण के फेर में फंसा अन्नदाता अपनी फसल को मंडी में बेचने के लिए भटक रहा है. लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. किसान अपनी फसल बेचने के लिए अधिकारियों के पास हाजिरी लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनके किसी भी बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

किसानों की परेशानी देखते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि 'सभी किसानों की उपज का दाना-दाना खरीदा जाए. चाहे किसी किसान का उत्पाद पोर्टल पर वेरिफाई ना हुआ हो.' लेकिन मंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अधिकारी पहले पोर्टल पर वेरिफाईड किसानों की ही उपज खरीदने की बात कह रहे हैं.

भिवानी अनाज मंडी में अन वैरिफाइड किसानों का अनाज नहीं खरीद रहे अधिकारी

बता दें कि अनेक किसान कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में 19 तारीख तक अपना गेहूं का ब्योरा दर्ज नहीं करा पाए हैं. ऐसे किसानों ने सरकार से मांग की है कि गेहूं के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा फिर खोला जाए. जिससे वो अपनी फसल बेच सकें.

किसान हैं परेशान

किसान पृथ्वी सिंह श्योराण ने बताया कि अनेक किसान ऐसे हैं. जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर रखा है, मगर जब वे यहां मार्केट कमेटी कार्यालय में पूठताछ करते हैं. तो उन्हें बताया जाता है कि आपका पंजीकरण नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि कई किसान ऐसे हैं जिनका पोर्टल पर जानकारी के अभाव में सरसों की जगह राई फसल का ब्यौरा दर्ज हो गया है. वे अब इसको ठीक कराने के लिए भटक रहे हैं.

किसान पृथ्वी सिंह ने बताया कि मंडी अधिकारी किसानों की बात सुन ही नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी किसान अपनी फसल को साफ-सुथरा करके मंडी लाता है. लेकिन मंडी में अधिकारी कभी झड़ाई तो कभी नमी का बहाना करके किसानों को लूट रहे हैं.

उन्होंने आढ़तियों और अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने के मांग किया. उन्होंने कहा कि किसानों से नमी और डस्ट के नाम पर दो से तीन किलोग्राम तक की कटौती की जा रही है. जबकि उसी फसल को बिना झार लगाए सरकार के लिए भरा जा रहा है.

अधिकारी दिखा रहे मंत्री के आदेश को ठेंगा

इस संबंध में जब मार्केट कमेटी लोहारू के सचिव मनोज कुमार दहिया से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मंडियों में खरीद शुरू हो चुकी है. उन्होंने बताया कि हम पहले उन किसानों की फसल खरीद कर रहे हैं. जिनका ब्यौरा वेरिफाई होकर मैपिंग हो चुकी है.

जब उनका ध्यान कृषि मंत्री के आदेशों की ओर दिलाया गया तो उन्होंने बताया कि बाद में हम सभी किसानों का उत्पाद खरीदेंगे. लेकिन अभी वेरिफाईड किसानों की ही खरीद की जा रही है. वहीं किसानों की फसल में कटौती की बात पर उन्होंने कहा कि हम सभी खरीद केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे और साफ-सुथरा माल ही भरवाएंगे.

बता दें कि 19 अप्रैल को कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मंडियों का दौरा किया था. इस दौरान किसानों ने उनके सामने पोर्टल पर वैरिफाई नहीं होने की परेशानी बताई. इस पर कृषि मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए थे कि किसान की फर्द को ही सच्चा मानकर उनके एक-एक दाने की खरीद की जाए. चाहे किसी किसान की फसल पोर्टल पर वेरिफाई हुई हो या ना हुई हो. कृषि मंत्री के इस बयान का व्यापारी और मंडी अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण किसान दर दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

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