हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

अब मछली पालन से किसानों की आय होगी दोगुनी, पशुपालन विभाग देगा किसानों को ट्रेनिंग - Bhiwani Animal Husbandry Department

पशुपालन विभाग अब किसानों को मछली पालन के तरीके सिखाने जा रहा है. इससे किसानों की आय को दोगुना करने में आसानी होगी. विभाग का मानना है कि किसान अपने घर के बैकयार्ड में आसानी से मछली पालन का कार्य कर सकते हैं.

fisheries in haryana
fisheries in haryana

By

Published : Dec 29, 2019, 6:49 PM IST

भिवानी: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रदेश सरकार ने पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य विभाग के माध्यम से मछली पालन को प्रोत्साहन देने की तरफ कदम बढ़ाया है. इसके तहत अब प्रदेश के किसानों को न केवल मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि ई-मार्केटिंग का खाका तैयार कर मछली पालकों का विवरण इस पर डाला जाएगा.

इसस प्रक्रिया से न केवल मछली पालकों तक ग्राहकों की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि अन्य मछली पालक भी इनसे मदद पा सकेंगे. ये बात पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य विभाग के मुख्य सचिव डॉ. सुनील गुलाटी ने भिवानी में बताई.

अब मछली पालन से किसानों की आय होगी दोगुनी, देखें कैसे

'18 लाख रुपये तक की होगी मछली तैयार'
उन्होंने बताया कि अब हरियाणा प्रदेश में घरों में मुर्गी पालन की तर्ज पर घर के बैकयॉर्ड में ही मात्र एक हजार गज जगह में आठ महीने में 18 लाख रुपये तक की मछली तैयार की जा सकेंगी. इसके लिए अब उनके विभाग का लक्ष्य मछली पालकों को बेहतर प्रशिक्षण देकर परंपरागत मछली पालन से आगे बढ़ते हुए खारे पानी की मछलियों की नस्लों को तैयार करना है, ताकि किसानों की आय दोगुनी की जा सके.

ये भी पढ़ें- बहादुरगढ़ में बिना पानी के दमकल विभाग, पानी लाने के लिए करना पड़ता है 28 km का सफर

नई नस्ल की मछलियों पर विभाग का ध्यान
उन्होंने बताया कि इससे पहले मिंगल, कटला जैसी मछलियों को परंपरागत तरह से पाला जाता था, लेकिन अब उनके विभाग का ध्यान पंघास व पावड़ा नस्ल की मछलियों की तरफ बढ़ा है. इसके अलावा खारे पानी में तैयारी होने वाली मांगूर व चिनौस नस्ल की मछलियों के पालन के लिए उनका विभाग किसानों को मछली पालन का प्रशिक्षण देगा, ताकि वो अपनी आय बढ़ा सकें.

उन्होंने मछली पालकों को बताया कि मात्र हजार गज जगह में 8 महीने की मेहनत के बाद थोड़ा सा ध्यान रखकर व समय पर मछलियों को दाना डालकर 14 से 18 लाख रुपये तक किसान आसानी से कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि मछली पालन के क्षेत्र में अब रिसरक्लूलेटरी एक्वाक्लचर को अपनाया जा रहा है. इस तकनीक के जरिए पुराने पानी को तकनीकी रूप से घुमाकर दोबारा से प्रयोग में लाया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details