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जानें इस बार क्यों दो दिन मनाई जा रही है जन्माष्टमी, छोटी काशी के सजे मंदिर - janmashtmi festival

हरियाणा में जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर सजे हुए हैं और बाजारों में रौनक है. कान्हा के लिए महिलाएं नए वस्त्र ले रही हैं और उन्हें सजा रही हैं. ऐसा ही नजारा भिवानी में भी देखने को मिला जहां जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षो उल्लास से मनाया गया.

जन्माष्टमी को लेकर सजे छोटी काशी के मंदिर

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Published : Aug 23, 2019, 6:05 PM IST

भिवानी: छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी शहर में जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों को भव्यता के साथ सजाया गया. इसके साथ ही जन्माष्टमी के चलते बाजारों में भी अच्छी-खासी भीड़ देखी गई. वहीं छोटी काशी के विभिन्न मंदिरों में कृष्ण दरबार और भगवान कृष्ण की प्रतिमा को नए वस्त्र पहनाकर सजाया गया. बता दें कि इस बार जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को दो दिन मनाई जाएगी.

महंत चरणदास महाराज, इंद्रकुमार शास्त्री, पंडित चंद्रभान और संजय ने बताया कि छोटी काशी में ये उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. मंदिरों में लड्डू गोपाल को सजाया गया है और उनके लिए पालना सजाया है. उन्होंने कहा कि आज गीता के अनुसरण की जरूरत है. भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था. हमें भी अपने घरों में गीता का सम्मान करना चाहिए.

जन्माष्टमी को लेकर सजे छोटी काशी के मंदिर, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि इस बार जन्माष्टमी की तिथि को लेकर काफी असमंजस है. कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन यानी कि 23 और 24 अगस्त को है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस हिसाब से अष्टमी 23 अगस्त को है, जबकि रोहिणी नक्षत्र इसके अगले दिन यानी कि 24 अगस्त को है.

पंडितों का मानना है कि गृहस्थियों के लिए जन्माष्टमी का व्रत निर्विवाद रूप से 23 अगस्त को है. पंडितों का तर्क है कि शास्त्रों के अनुसार जिस रात्रि में चन्द्रोदय के समय भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि हो, उस दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए.

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