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टमाटर ने तोड़ी किसान की कमर, सहयोग के लिए कृषि मंत्री के पीए को सौंपा ज्ञापन

टमाटर की फसल ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. लॉकडाउन की वजह से किसानों को भारी मात्रा में टमाटर जोतना या फेंकना पड़ा है. टमाटर की बर्बादी से हुए नुकसान को लेकर किसान कृषि मंत्री जेपी दलाल के आवास पर पहुंच गए और मांगों को लेकर उनके पीए को ज्ञापन सौंपा.

farmers submitted memorandum
किसानों ने सौंपा ज्ञापन

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Published : May 22, 2020, 9:37 PM IST

भिवानी: लॉकडाउन की मार झेल रहे भिवानी के किसानों ने अब कृषि मंत्री जेपी दलाल से सहयोग की गुहार लगाई है. टमाटर उत्पादक किसानों ने कृषि मंत्री के घर पर पहुंचकर नुकसान की भरपाई की मांग की है और उनके पीओ को ज्ञापन पत्र सौंपा. साथ ही किसानों का कहना है कि अगर रविवार तक उनकी फसल की भरपाई नहीं की गई तो, वो सोमवार को 20 ट्राली टमाटर की फसल डालकर विरोध जताएंगे.

परेशान टमाटर उत्पादक किसान

भिवानी के तोशाम क्षेत्र में किसानों ने सैकड़ों एकड़ में टमाटर की फसल उगाई थी, लेकिन कोरोना के कहर के चलते सब्जियों की मांग कम होने से मंडियों में टमाटर की मांग ना के बराबर हो गई. किसानों का टमाटर मंडियों में कौड़ियों के भाव बिक रहा है. टमाटर पैदा करने में जितना खर्च हुआ है. इस बार उसका लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है. किसानों का कहना है कि…

टमाटर की फसल के उत्पादन पर 4 रुपये प्रति किलो और पैदावार के बाद टमाटर तोड़ने से मंडी तक पहुंचाने तक खर्च करीब 4 रुपये प्रति किलोग्राम आता है. कुल मिलाकर किसान को 8 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खर्च करना पड़ता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनका टमाटर 2 से तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.

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इस बार टमाटर की फसल ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. किसान का टमाटर खेतों में कूड़े की तरह पड़ा हुआ है. कई किसानों ने खेत में खड़ी फसल को ट्रैक्टर से जोत दिया. अगर समय रहते सरकार ने किसानों की मदद नहीं की गई तो आने वाले समय में किसान भूखे मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे.

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