भिवानी: जिले से 61 साल के हरीश ने अपनी आंख दान की थी. मृत्यु के उपरांत हरीश की आंखें उनके परिजनों ने दान कर दी. उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी आंखें इस दुनिया को देख पाएंगी.
आज भले ही हरीश इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन फिर भी उनकी आंखें इस दुनिया को देखती रहेंगी. हरीश ने अपने मरने से पहले ही नेत्रदान का प्रण लिया था. इस काम में हरिश के परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया. हरीश अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं.
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मंगलवार को हरीश की मृत्यु हो गई. वे पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहे थे. उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए परिवार ने नेत्र बैंक को सूचित किया. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम उनके घर पर पहुंची. टीम ने हरीश की आंखों को सुरक्षित रख लिया है. अब हरीश की आंख उनके मरने के बाद भी इस दुनिया की खूबसूरती को देख पाएंगी.