भिवानी: जिले में कोरोना के नए केसों का आना जारी है. भिवानी में कोरोना के कई ऐसे मरीज है, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है. हैरत की बात ये है कि यहां कोरोना के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर होने के बावजूद उन्हें उनकी सुविधा नहीं दी जा रही है. सिविल सर्जन की मानें तो उनकी नजर में यहां के वेंटिलेटर है. वहीं सिविल अस्पताल के पीएमओ का कहना है कि यहां रखे वेंटिलेटर को चलाने के लिए स्टाफ ही नहीं है.
वेंटिलेटर है इलाज नहीं
इस समस्या के कारण जिले के कोरोना के गंभीर मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है. जबकि इस तरह के कुछ मरीज अग्रोहा पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके हैं. वहीं कुछ मरीज खुद को निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर का भारी भरकम खर्चा उठवाकर अपना इलाज करवा रहे हैं. पिछले दिनों तक सिविल अस्पताल में बने कोविड-19 केयर वार्ड में कोरोना मरीजों के लिए 11 वेंटिलेटर थे.
दूसरे अस्पताल में मरीजों को कराना पड़ रहा इलाज
उनमें से 4 वेंटीलेटर शहर के 3 निजी अस्पतालों के संचालकों ने आपातकाल के लिए दिए थे. इसके अलावा 2 वेंटिलेटर सांसद धर्मबीर सिंह यहां के लिए दान करा चुके हैं तो 5 वेंटिलेटर यहां स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौजूद हैं. लेकिन इन सब के बावजूद कोरोना मरीजों के लिए एक भी वेंटिलेटर नहीं चलाया गया. इसके चलते यहां भर्ती होने वाले किसी मरीज की अगर हालत खराब होती है तो उसे वेंटीलेटर सुविधा के लिए अग्रोहा मेडीकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है.