भिवानी:हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है. कृषि मंत्री ने आंदोलन में मरे किसानों को स्वेच्छा से मरने की बात कह कर मजाकिया लहजे में संवेदना दी और कहा कि ये किसान घर होते तो भी मरते.
'यहां नहीं तो घर पर मरते'
कृषि मंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने बयान पर तर्क दिया कि जहां लाख-दो लाख किसान एकत्रित हो, उनमे 200 किसानों की मृत्य औसतन तौर पर हो जाती है. बता दें कि कृषि मंत्री जेपी दलाल भिवानी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे.
किसानों की मौत पर कृषि मंत्री का विवादित बयान किसान आंदोलन के नेताओं पर दलाल का बयान
किसान आंदोलन में मरे 200 से ज्यादा किसानों की मौत पर आपत्तिजनक बयान देते हुए दलाल ने कहा कि ये किसान स्वेच्छा से मरे हैं. साथ ही उन्होंने मजाकिया लहजे में मृतक किसानों को हंसते हुए संवेदना व्यक्त की. जेपी दलाल इस दौरान ग़ुस्से में दिखे और उन्होंने कहा कि यूपी की तर्ज पर हरियाणा में भी उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का कानून बनना चाहिए.
ये भी पढ़िए:दुष्यंत का इस्तीफा मेरी जेब में, अगर इससे हल निकले तो अभी दे दूं: अजय चौटाला
इसके साथ ही जेपी दलाल ने किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं पर प्रहार करते हुए उन्हें सड़क छाप नेता की उपाधि दी. उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को कम से कम अपने राज्य के व्यक्ति को किसान आंदोलन के नेतृत्व के लिए चुनना चाहिए.