भिवानी: भिवानी जिले के गांव खानक निवासी 19 वर्षीय मोनिका के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना ने एक संकट मोचक का काम किया है. परिवार के समक्ष बनी विषम परिस्थितियों में मोनिका ने मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के तहत पशुपालन का व्यवसाय अपनाकर ना केवल परिवार की स्थिति को संभाला, बल्कि अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. मोनिका अन्य परिवारों के लिए भी संघर्ष से उभरने में प्ररेणा का स्त्रोत बनी हैं.
सरकार द्वारा आमजन की आमदनी में बढ़ोतरी करने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. इनमें से एक अंत्योदय परिवार उत्थान योजना है. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है. इस योजना के तहत कौशल विकास, स्वरोजगार और रोजगार सृजन के उपायों को अपनाया जाएगा, ताकि अंत्योदय परिवारों की न्यूनतम वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए तक बढ़ाई जा सके.
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इस योजना से मोनिका ने सफलता की कहानी लिखी है. 19 वर्षीय मोनिका अंत्योदय परिवार उत्थान योजना से स्वरोजगार अपनाकर दूसरों के लिए प्ररेणा का स्त्रोत बन गई है. मोनिका गांव खानक की रहने वाली हैं. मोनिका का जीवन संघर्षो से भरा रहा है, क्योंकि जब वह सिर्फ 14 साल की थी, तब उन्होंने अपने पिता को कैंसर से खो दिया था.
उसका जीवन अचानक एक मासूम किशोरी से एक जिम्मेदार वयस्क बनने में बदल गया. क्योंकि पिता के निधन के बाद उसके परिवार के पास आय का और कोई स्रोत नहीं बचा था. ऐसे में उसकी मां ने अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए खेतों में काम करना शुरू कर दिया. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मोनिका ने उम्मीद नहीं खोई और जीवन में आगे बढ़ने की हिम्मत दिखाई. उन्होंने खेतों में अपनी मां का समर्थन करने के अलावा अपनी पढ़ाई भी जारी रखी.
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यह परिवार उत्थान योजना ही थी, जिसने उसमें कुछ उम्मीद जगाई थी. मोनिका अपनी मां के साथ तोशाम में 10 जून 2022 को आयोजित अंत्योदय परिवार उत्थान मेले में पहुंची. उन्होंने मेले में विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली और पशुपालन का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. उन्होंने दो दुधारू भैंस पालन के लिए पंजीकरण करवाया था. एक दुधारू भैंस की खरीद के लिए एक महीने के भीतर 80 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत एवं वितरित हुआ.
इसके अतिरिक्त पशुपालन और डेयरी विभाग ने 50 प्रतिशत राशि यानी 40 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान की, जो सात दिन के भीतर उसके खाते में आ गई. इस राशि के साथ उसने दूध बेचने का व्यवसाय शुरू किया. पशुपालन व्यवसाय अपनाकर मोनिका फिलहाल बिना किसी चिंता के बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है. वहीं उसका उसके छोटे भाई साहिल ने 12वीं की परीक्षा दी है. मोनिका की माता सुनीता देवी ने बताया कि पशुपालन उनके परिवार का मुख्य सहारा बना है. पशु पालन से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है.