भिवानी: अपने गांव को शहीद का दर्जा दिए जाने को लेकर रोहणात में शहीद हुए ग्रामीण वेद प्रकाश का अंतिम संस्कार 9वें दिन भी नहीं हो पाया. रोहताण गांव को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग और अंग्रेजों द्वारा नीलाम की गई जमीन को वापस लेने के लिए कई महीनों से रोहणात गांव के ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर महापंचायत की गई, जिसमें मांग के लिए बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि जुटे. इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों का समर्थन किया.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह दुख की बात है कि जिस गांव ने देश की आजादी में अपनी भूमिका निभाई, उस गांव को शहीद का दर्जा दिलवाने की मांग को लेकर गांव के दो लोगों को शहीद होना पड़ा. उन्होंने भाजपा व आरएसएस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया, वे लोग गांव रोहणात के लोगों की शहादत को भी नहीं समझ पा रहे हैं. उन्होंने गांव के शहीद वेद प्रकाश के परिवार को सरकारी नौकरी वा एक करोड़ देने की मांग उठाते हुए गांव के लोगों की अंग्रेजों द्वारा नीलाम की गई जमीन वापस दिलवाए जाने की मांग की.
गौरतलब है कि भिवानी जिला के रोहणात गांव ने 1857 की क्रांति में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. जिसके चलते अंग्रेजों ने इस गांव के लोगों की 20 हजार 656 एकड़ जमीन इसीलिए नीलाम कर दी थी, क्योंकि इस गांव के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था. साथ ही अंग्रेज अफसरों को मौत के घाट उतारा था. जिसके चलते गांव के दो लोगों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटकाया.