भिवानी: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी में सेक्टर-13 के सामने खाली मैदान में 25 से 27 फरवरी को आयोजित होने जा रहे राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी (JP Dalal inspection in Bhiwani) का सोमवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पशुपालन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पशु प्रदर्शनी को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए जरूरी निर्देश दिए. इस दौरान जेपी दलाल ने कहा कि राज्य स्तरीय पशु-प्रदर्शनी पशुपालकों व किसानों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी.
प्रदर्शनी के दौरान (state level animal exhibition site in Bhiwani) युवा पशुपालन, मछली पालन व खेती से संबंधित नई-नई जानकारी हासिल करेंगे. जिससे उनके लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. जेपी दलाल ने कहा कि पशु-प्रदर्शनी में शामिल होने वाले पशुपालकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. उनके रहने व भोजन संबंधित सभी व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी अपने-आप में अनूठी होगी.
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कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि पशु-प्रदर्शनी में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायकों सहित अनेक अति विशिष्ट व्यक्ति शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पशु प्रदर्शनी में पशुपालन, बागवानी, कृषि से संबंधित उत्पादों की करीब 150 स्टॉल लगाई जाएंगी. जिनके माध्यम से पशुपालन और किसान नवीनतम जानकारी हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में कम से कम एक हजार उत्तम नस्ल के पशु शामिल किए जाएंगे, जिनके पंजीकरण के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं.
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कृषि मंत्री ने कहा कि यह पशु-प्रदर्शनी पशुपालकों व किसानों की आय को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी. सरकार किसानों व पशु पालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसके लिए निरंतर नई-नई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है. इसी कड़ी में भेड़ व बकरी पालन को बढावा दिया जा रहा है. युवाओं को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी. प्रदर्शनी के माध्यम से पशुपालकों को यह पता चलेगा कि किस प्रकार से एक पशु का दूध दस लीटर से बढाकर 15 लीटर किया जा सकता है. इसी प्रकार से युवाओं को बागवानी व फूलों की खेती के बारे में भी जानकारी हासिल होगी ताकि वे परंपरागत खेती से हटकर अन्य खेती कर सके. किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी.
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