'चिलचिलाती धूप में बुजुर्ग हो रहे हैं परेशान'
जिले भर के बुजूर्ग आज सुबह तकरीबन 6:00 बजे से ही दफ्तर के बाहर आना शुरू हो गए. आलम यह है कि इतनी भारी तादात में आये बुजुर्गों के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसके चलते बुजुर्गों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बुढ़ापे की मार, पेंशन तक को लाचार, अधिकारी सुनते नहीं 'सरकार' - अधिकारी
अंबाला: लोकसभा चुनाव से अब तक बुढ़ापा पेंशन के लिए किसी भी बुजूर्ग को पंजीकृत नहीं किया गया था. अब जिला समाज कल्याणकारी अधिकारी सुरजीत कौर ने जिले के सभी ब्लॉकों के बुजुर्गों को बुलाया था.
बुजुर्गों ने बताया कि, पहले तो फोन करके बुलाया जाता है. उसके बाद यहां पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई. जिसकी अधिकारियों से जान पहचान है वो तो अंदर जा रहे हैं और जिनकी जान पहचान नहीं है वो बाहर कड़कड़ाती धूप में बैठे रहे.
सुनने वाला है कोई नहीं है- बुजुर्ग
इसके इलावा बुजुर्गों ने आरोप लगाया कि, उनके कागजात तीन महीने पहले से ही दफ्तर के अधिकारियों के पास हैं, लेकिन किसी ना किसी वजह से बुढ़ापा पेंशन की अर्जी को रद्द कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान तो नेता बड़े बड़े वायदे करते है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है जो हम झेल रहे है. बुजुर्गों का कहना है कि प्रशासन को चाहिए था कि दो-दो ब्लॉक के बुजुर्गों को अलग-अलग दिन बुलाए. जिससे कुछ तो सहुलियत होती.