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अंबाला में रैन बसेरों पर लटके ताले, करोड़ों की लागत से हुआ था निर्माण - अंबाला में रैन बसेरों की खस्ता हालत

अंबाला कैंट में जिला प्रशासन ने बाहर से आने-जाने वाले यात्रियों को सर्दी और गर्मी में सस्ते दर पर रात बिताने के लिए 2 करोड़ की लागत से दो रैन बसेरों का निर्माण कराया था. लेकिन करोड़ों की लागत से बने इन रैन बसेरों में बिजली और पानी की व्यवस्था न होने से इन पर ताले लटके पड़े हैं.

night shelters in ambala
अंबाला में रैन बसेरों पर लटके ताले

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Published : Dec 3, 2019, 11:15 AM IST

Updated : Dec 3, 2019, 12:12 PM IST

अंबालाःडेढ़ करोड़ की लागत से अंबाला कैंट बस स्टैंड के पास बने रैन बसेरों की हालत खस्ता हो चुकी है. हालात ये हैं कि यहां ना तो बिजली की व्यवस्था है और ना ही पानी की. जिसके चलते करोड़ों की लागत से बने इन रैन बसेरों पर अब ताले लटकते हुए मिलते हैं. ऐसें में अंबाला से आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं नगर परिषद अधिकारी जल्द ही दोनों सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की बात कर रहे हैं.

रैन बसेरों पर लगे ताले
अंबाला कैंट में जिला प्रशासन ने बाहर से आने-जाने वाले यात्रियों को सर्दी और गर्मी में सस्ते दर पर रात बिताने के लिए 2 करोड़ की लागत से दो रैन बसेरों का निर्माण कराया था. इनका निर्माण होने के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इनका उद्घाटन भी किया था. लेकिन आज उन्हीं रैन बसेरों की हलात बेहद खराब हो चुकी है. करोड़ों की लागत से बने इन रैन बसेरों में बिजली और पानी की व्यवस्था न होने से इन पर ताले लटके पड़े हैं.

अंबाला में रैन बसेरों पर लटके ताले

जल्द दुरुस्त होंगे रैन बसेरे
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा का कहना है कि वो जल्द ही रैन बसेरों की खस्ता हालत को ठीक करवाएंगे. उन्होंने बताया कि इसमें बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध करवा कर इन्हें यात्रियों के लिए खोल देंगे. जिससे लोगों को महंगे होटल में जाकर अपना पैसा बर्बाद नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आ चुका है और इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से भी बातचीत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही 42 बेड वाले इन रैन बसेरों को दुरुस्त करवा दिया जाएगा.

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यात्री होते हैं परेशान
रैन बसेरों पर लगे तालों से यहां आने वाले यात्रियों को सस्ती दरों पर रात में रुकने से वंचित हो पड़ रहा है. सरकार की ओर से मुहैया करवाई गई सुविधाओं का लोग फायदा भी नहीं उठा पा रहे और महंगे होटलों में अपनी जेब कटवाने पर मजबूर हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने नगर परिषद को इसका जिम्मा सौंपा था. लेकिन नगर परिषद अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित होते नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Dec 3, 2019, 12:12 PM IST

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