रोहतक: पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि इससे पहले भी लगातार कई सीजन से किसान मौसम की मार झेल रहे हैं. बारिश से किसानों की फसल खराब हो गई है लेकिन अबतक किसानों को भारी बारिश, ओलावृष्टि और जलभराव की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया. मुसीबत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के नाम पर कंपनियां किस तरह किसानों के साथ धोखा कर रही हैं. इसका एक उदाहरण हिसार में देखने को मिला.
खरीफ सीजन में हुए फसली नुकसान के चलते प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड किसानों ने जब मुआवजे के लिए अप्लाई किया तो कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया. अब कई महीने बाद उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया. अब किसान न इधर के रहे और न ही उधर के. इसी तरह किसानों से प्रीमियम लेकर सरकारी संरक्षण के चलते बीमा कंपनियां अब तक 40 हजार करोड़ रुपए का मोटा मुनाफा कूट चुकी हैं. इस तरह आज किसानों पर मौसम, बीमा कंपनी और सरकारी नीतियों की तिहरी मार एकसाथ पड़ रही है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार ने अब तक मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की. इसकी वजह से 2060 रुपए के रेट वाली धान 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है. यही हाल बाजरा के किसानों का है. सरकार द्वारा न तो बाजरा की एमएसपी दी जा रही और न ही अपनी घोषणा के मुताबिक भावांतर भरपाई योजना से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है. इसी तरह मंडियों में आढ़तियों की हड़ताल का भी अबतक कोई समाधान नहीं निकाला गया.
कांग्रेस द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि सरकार आढ़तियों से बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान निकाले. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की बर्बादी के हर मंजर को मूकदर्शक बनी देख रही है. हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. आज किसान के खेत से लेकर आधुनिक माने जाने वाले शहर गुरुग्राम तक सब जलमग्न हैं. किसान व आमजन खुद को असहाय महसूस कर रहा है. सरकार को जल्द से जल्द जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए.
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