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पानीपत में NGT के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे ब्लीच हाउस, देखिए ये रिपोर्ट - पानीपत ब्लीच हाउस पानी प्रदूषण

पानीपत में एनजीटी के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यहां अवैध रूप से ब्लीच हाउस चलाए जा रहे हैं. बन्द किये जाने के बाद भी सील तोड़कर यहां काम किया जा रहा है. ब्लीच हाउस के कारण आसपास के गांवों के लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं.

panipat bleach house violation NGT orders
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Published : Oct 20, 2020, 12:09 PM IST

पानीपत:एनजीटी द्वारा ब्लीच हाउसों को अवैध घोषित किए जाने बावजूद भी पानीपत में बेखौफ ब्लीच हाउस खोलकर काम किया जा रहा है. बता दें कि, पानीपत में कुल 137 ब्लीच हाउस हैं जो कि एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार अवैध हैं और इनको चलाने पर रोक लगाई हुई है.

ब्लीच हाउस के कारण पीने का पानी हुआ दूषित

इन ब्लीच हाउस में रंग बिरंगे कपड़ों की कत्तरों को केमिकल युक्त पानी से साफ किया जाता है. केमिकल से कत्तरों का रंग निकाला जाता है जिसके बाद उसका धागा बनाया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में हानिकारक केमिकल युक्त पानी को सड़कों व नालियों में बहा दिया जाता है या फिर आसपास के जोहड़ में भी छोड़ दिया जाता है, जिसके कारण आसपास के क्षेत्र का पानी पीने योग्य नहीं रहता. साथ ही अनेक बीमारियों भी पैदा हो जाती हैं.

पानीपत में एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे ब्लीच हाउस, देखिए ये रिपोर्ट

ग्रामीण को हो रही गंभीर बीमारियां

वैसे तो पानीपत में कई जगहों पर अवैध ब्लीच हाउस चल रहे हैं, लेकिन पानीपत के छाजपुर व जालपाढ़ के बीच में बना ब्लीच हाउस दोनों गांवों के लिए समस्या बना हुआ है. दोनों गांवों के सरपंच इस ब्लीच हाउस को बंद करवाने के लिए कई बार शिकायत दे चुके हैं, लेकिन ये कुछ समय के लिए बंद होने के बाद फिर से खोल दिया जाता है. इन दोनों गांव के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और कई ग्रामीणों को गंभीर बीमारियां भी हो गई हैं.

पशुओं को भी हो रही परेशानी

गांव जालपाढ़ के सरंपच दीपक शर्मा ने बताया कि ब्लीच हाउस के कारण पीने का पानी गंदा हो गया है. ग्रामीणों को कई प्रकार की बीमारियां भी लग रही हैं. इंसान के साथ-साथ पशु भी परेशान हैं क्योंकि पशु यही केमिकल युक्त पानी पीते हैं और इसी में नहाते हैं.

प्रशासन पर कार्रवाई ना करने के लगे आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि ये ब्लीच हाउस कुछ दिन बंद रहने के बाद फिर खुल जाता है, और प्रशासन कुछ नहीं करता. वहीं इस बारे में जब प्रदूषण विभाग के आरओ कमलजीत से बात की गई तो उनका कहना था कि विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. इस मामले की भी जांच करवाएंगे.

बता दें कि, पानीपत भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, लेकिन फिर भी प्रशासन का इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं है. हालांकि नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना व 6 माह की सजा का भी प्रवधान हैं, लेकिन पानीपत में बेखौफ होकर प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल चल रहा है. ना जाने प्रशासन कब जागेगा और कब यहां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होना बंद होगा.

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