पानीपत: बंजर जमीन, सूखे तालाब और खाली बांध ऐसी तस्वीरें इन दिनों पानीपत जिले के गांव बापौली और समालखा खंड में आम हैं. यहां जैसी तस्वीर आपको जमीन के ऊपर दिखेगी, वैसी ही तस्वीर जमीन के नीचे भी बन रही है. इन गांवों में लगातार घट रहे जलस्तर को लेकर ये दोनों ही क्षेत्र डार्क जोन में आ गए हैं.
पानीपत में डगमगाया ग्राउंड वॉटर लेवल, देखिए इन दो गांवों में क्यों सूख रही धरती - पानीपत में सूख रही धरती
देश में पानी की कमी के चलते निरंतर भूमिगत जल का अंधाधुंध दोहन हो रहा है. भूमिगत जल के अतिदोहन से भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के तटीय क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जो भविष्य के लिए हानिकारक है.
ग्राउंड वॉटर लेवल पर मंडरा रहा खतरा
लोगों की मानें तो ग्राउंड वॉटर लेवल पर खतरा मंडरा रहा है. किसानों का कहना है कि लगातार हो रही पानी की कमी से खेतों में पैदावार कम हो रही है. इतना ही नहीं लोगों ने ये तक कहा कि किसानों के बच्चे आज इसलिए खेती छोड़ रहे हैं क्योंकि यहां पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. अगर बात करें भूमिगत जलस्तर की तो बोरवेल से पानी गर्म निकलता है, जो फसलों को नुकसान के साथ-साथ कई बीमारियों को भी जन्म देता है.
यहां की स्थितियां बेहद खराब
किसानों का कहना है कि यहां कि स्थितियां इतनी खराब हैं फिर भी आज तक कोई भी सरकारी नुमांइदा यहां झांकनें तक नहीं आया. ऐसे में वक्त रहते जल संसाधनों के साथ भूजल को रिचार्ज नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हर जगह पानी के लिए त्राहिमाम मचना तय है.