पंचकूला: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के हुड्डा सरकार में तत्कालीन चेयरमैन व सदस्यों के खिलाफ पीटीआई भर्ती घोटाले की आशंका के चलते विजिलेंस ब्यूरो ने मुकद्दमा दर्ज किया है. गौरतलब है कि 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन के रुप में नंदलाल पुनिया ( सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर ) को 2005 में नियुक्ति दी गई थी. इनके कार्यकाल में पीटीआई भर्तियों को लेकर कार्रवाई शुरू हुई है.
बढ़ सकती हैं पूर्व सीएम हुड्डा की परेशानियां
वहीं पीटीआई घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद हुड्डा के लिए कानूनी परेशानियां और बढ़ सकती हैं. बताया जा रहा है कि डीएसपी शरीफ सिंह की शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने पंचकूला में धारा 466, 468, 471, 193, 166 व 120 बी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है. एफआईआर में कहा गया है कि कर्मचारी चयन आयोग पंचकूला ने विज्ञापन संख्या 6 दिनांक 20 जुलाई 2006 को 1983 पीटीआई की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे.
चयन के लिए 28 दिसंबर 2006 को चयन प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसके अनुसार कुल 200 अंक की लिखित परीक्षा व 25 अंक के साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाना था. परंतु इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष व सदस्यों ने अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए अयोग्य उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए चयन मानदंडों में बार-बार परिवर्तन किया. एफआईआर में कहा गया है कि आयोग के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 30 जून 2008, 11 जुलाई 2008 व 31 जुलाई 2008 को मनमाने तरीकों से चयन मानदंडों में फेरबदल किया. जिन पर आयोग के किसी अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं थे.
तत्कालीन अध्यक्ष पर मापदंडों में बदलाव करने का आरोप
31 जुलाई 2008 के निर्णय के संबंध में चयन आयोग के कार्यालय टिप्पणी लेखन (ऑफिस नोट) में दिनांक 11 जुलाई 2008 द्वारा निर्धारित चयन प्रक्रिया के विरुद्ध मुख्यमंत्री निवास के सामने विरोध प्रदर्शन का हवाला दिया गया. दिनांक 31 जुलाई 2008 के निर्णय के द्वारा आयोग के अध्यक्ष ने सभी योग्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार हेतु बुलाने का निर्णय लिया. जिससे स्पष्ट है कि तत्कालीन अध्यक्ष राज्य कर्मचारी आयोग द्वारा किसी दवाब में बार-बार चयन मापदंडों में बदलाव किया गया.
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