कुरुक्षेत्र :भारत का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को होगा. कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण मेला-2022 (Surya Grahan in October 2022) का आयोजन किया जाता है. बता दें कि 25 अक्टूबर 2022 को शाम चार बजकर 27 मिनट तक मेला लगाया जाएगा. सूर्य ग्रहण मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की सम्भावना जताई जा रही है. इन श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत व्यवस्था के सभी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
बुधवार को उपायुक्त शांतनु शर्मा ने लघु सचिवालय के सभागार में सूर्य ग्रहण मेला-2022 (Solar Eclipse 2022) की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से सूर्य ग्रहण मेले की तैयारियों की विस्तृत रिपोर्ट ली. उन्होंने बताया कि एडीसी को मेला प्रशासक बनाया गया है. उपायुक्त ने कहा कि सूर्यग्रहण मेले का आयोजन 25 अक्टूबर को किया जा रहा है. मेले की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर की सफाई और मरम्मत का कार्य सुनिश्चित करना होगा. पार्किंग स्थलों पर अस्थाई निर्माण, बेरिकेटिंग सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाने के आदेश दिए गए.
उन्होंने कहा कि सूर्य ग्रहण मेले की प्रचार-प्रसार की सामग्री का वितरण करने, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और मीडिया सेंटर के साथ ही यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया जाए. यात्रियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र और दवाइयों का समुचित प्रबंध किया जाए, पीने के पानी, अस्थाई शौचालय, मेले के दौरान मोटर बोट, गोताखोरों और तैराकों की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.
सूर्य ग्रहण मेला-2022 : भारत का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 को, कुरुक्षेत्र में मेले की तैयारियां शुरू - भारत का अंतिम सूर्य ग्रहण
कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण मेला-2022 का आयोजन 25 अक्टूबर 2022 को किया जाएगा. उपायुक्त शांतनु शर्मा ने समीक्षा बैठक कर मेले में किसी तरह की कोई परेशानी यात्रियों को न आए इसका समुचित प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
सूर्य ग्रहण मेला 2022
मेला प्रशासक, एडीसी अखिल पिलानी ने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने अधीनस्थ कार्यों का ब्यौरा तैयार करेंगे और 15 सितंबर तक टेंडर आदि की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. सभी अधिकारियों को सूर्य ग्रहण मेले को लेकर (Surya Grahan Fair in Kurukshetra) मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करना है जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी और दिक्कत का सामना ना करना पड़े.