कुरुक्षेत्र: जिले की सड़कें टूटी-फूटी मानो कि गड्ढे में समा गई हों. यहां से वाहन बिना हिचकोले के निकलते नहीं. कभी एक्सल टूटने का डर रहता है, तो कभी बाइक फिसलने का. सरकारी अफसर भले ही इन सड़कों के चमाचम होने का दावा करें लेकिन हकीकत इससे कहीं परे है. ईटीवी भारत की टीम जब पिहोवा की सड़कों की पड़ताल पर निकली तो यहां का नजारा देख सिर्फ यही लग रहा था. बदहाल मार्ग. मुसीबत में मुसाफिर और मौज में जिम्मेदार.
10 साल से बदहाली पर आंसू बहा रही सड़कें
पिहोवा की सड़कें पिछले 10 सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब यहां की पड़ताल की तो नाजारा सरकारी वादों से बिल्कुल उलट था. यहां की सड़कें बिल्कुल ही जर्जर हालत में मिली. इतना ही नहीं यहां एक जिले से दूसरे जिले तक जाने वाली सड़कों की हालत भी खस्ता हो चुकी है.
संदीप सिंह के आने के बाद लोगों में जागी उम्मीद
पिहोवा से करनाल हिसार और जींद जाने वाली सड़कों पर भी बड़े-बड़े गड्ढे हैं. स्थानीय लोगों का कहाना है कि 10 साल बीत गए लेकिन यहां की सुध लेने कोई नहीं आया.