कुरुक्षेत्र: लॉक डाउन के कारण किसानों को कटाई के लिए ना तो कंबाइन मशीन मिल पा रही है ना ही कटाई करवाने के लिए मजदूर मिल पा रहे हैं जिस कारण खेतों में लहराती फसल को लेकर किसानों में हर समय भय बना रहता है.
कुरुक्षेत्र जिले की बात करें तो यहां 1,14,000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती की जाती है. गेहूं की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि फसलों की कटाई करने वाली कंबाइन मशीन अन्य राज्यों में है.
कुरुक्षेत्र: पक कर तैयार हो चुकी गेहूं की फसल पर हर समय बना रहता है भय गेहूं की फसल पहले पककर तैयार हो जाती है और कटाई के लिए मशीनें हरियाणा में बाद में लाते है. हरियाणा में फिलहाल बहुत ही कम मशीनें हैं. लॉक डाउन के चलते मशीनों को आने जाने में भी समस्या आ रही है जिस कारण हरियाणा में गेहूं की कटाई में देरी हो रही है.
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इस बीच किसानों को लगातार बारिश होने का भी भय रहता है और बिजली से होने वाले शॉर्ट सर्किट से गेहूं की फसलों में आग लगने का भी भय बना रहता है. गेहूं की फसल अप्रैल माह में कटनी शुरू हो जाती है और अभी तक गेहूं की फसलों की कटाई हरियाणा में शुरू नहीं हुई.
हरियाणा में फसल की कटाई के लिए लेबर अधिकांश बिहार राज्य से आती है और अब की बार लॉक डाउन के चलते सभी प्रवासी मजदूर भी अपने-अपने प्रदेश में लौट चुके हैं. मजदूर ना मिलना मशीन, ना मिलना इशारा है कि किसानों को इस लॉक डाउन में बड़ा ही भारी नुकसान सहना पड़ सकता है.
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