कुरुक्षेत्र: कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में देश की आर्थिक व्यवस्था को बिगाड़ दिया है. वहीं, हरियाणा प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थान कुरुक्षेत्र के मंदिरों में रहने वाले पुजारियों की आर्थिक स्थिति भी पूरी तरह बिगड़ चुकी है. बिना दान के मंदिरों के पुजारियों के परिवारों के लिए एक बड़ा संकट बन गया है.
धर्मनगरी में हैं हजारों मंदिर
कुरुक्षेत्र जिले के अंदर हजारों मंदिर हैं. यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे और इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाते थे और दान दक्षिणा किया करते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी तीर्थ स्थानों पर रोक लगा दी गई है. ना तो अब यहां श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और ना ही मंदिरों में कोई चढ़ावा चल रहा है. जिसके चलते पंडितों के परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है.
मंदिर का चढ़ावा आजीविका का साधन
कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 721 मठ और मंदिर हैं. इसके अलावा ब्रह्मसरोवर, सनहित सरोवर ओर पिहोवा के सरस्वती घाट पर कर्मकांड करने वाले सैकड़ों पुजारियों की आय कुरुक्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं से ही होती है. कुछ मंदिर ट्रस्ट या बड़े मठों द्वारा चलाए जा रहे हैं और इनमें रहने वाले पुजारियों की तनख्वाह भी निर्धारित है और छोटे मंदिरों के पुजारियों की आमदनी का सिर्फ एक मात्र साधन श्रद्धालुओं द्वारा दिया गया दान है.