करनाल: जिले के आबकारी एवं कराधान विभाग के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. आबकारी एवं कराधान विभाग के कई अधिकारियों पर कुछ व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया और इस मामले की तह तक गई और अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया. जिसके बाद ईटीवी भारत की खबर का दमदार असर देखने को मिला है.
ईटीवी भारत की खबर का दमदार असर
इस पूरे मामले पर करनाल के कराधान अधिकारी आनंद सिंह कहा कि उन्हें अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. जिस पर संज्ञान लिया गया और इस पूरे मामले की जांच की गई. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर सतीश गुप्ता और ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया गया है और ईटीओ प्रशांत कादियान को सस्पेंड करने की सिफारिश चंडीगढ़ में उच्चाधिकारियों से कर दी गई है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा इस पूरे मामले में बाकियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है.
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जाने क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते दिनों सीएम सिटी में व्यापारी अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए थे. व्यापारियों का कहना था कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाए तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट्स आता है.
करनाल में आबकारी एवं कराधान विभाग के किन भ्रष्ट अधिकारियों पर गिरी गाज, देखें कब-कब लगा वसूली का आरोप ?
- 3 मई 2019 को प्रशांत कादियान ने एक गाड़ी रोकी और 2 लाख 25 हजार रुपए तय किये.
- 3 अगस्त 2019 को प्रशांत कादियान ने ही गाड़ी पकड़ी और 2 लाख 35 हजार में मामला तय हुआ.
- एक कश्मीर के ट्रांसपोर्टर का 5 लाख का चालान करने के नाम पर 2 लाख रुपये में सौदा तय हुआ
जानें कैसे होती थी रिश्वत के लिए सेटिंग ?
करनाल जीटी रोड पर ईटीओ हैं प्रशांत कादियान. वो लगातार यहां वाहनों को चेक करते थे. जम्मू-कश्मीर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से दिल्ली जाने के लिए इसी रोड से गाड़ियों को जाना होता था. इसी का फायदा प्रशांत कादियान जैसे अधिकारी उठाते थे. ट्रांसपोर्टर्स का आरोप था कि प्रशांत कादियान गाड़ी पकड़ते थे. उसके बाद अपने मुंह बोले साले मंजीत से बात करने के लिए कहते थे और मंजीत ही सारे पैसे का लेन-देन करता था. उसकी भी ऑडियो ट्रांसपोर्टर्स ने जारी की है, जिसमें साफ-सफ पैसे लेने की बात हो रही है. ऐसी ही कई रिकॉर्डिंग्स व्यापारियों ने जारी की हैं. जिनकी ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता ये जांच का विषय हो सकता है, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारी अधिकारियों के इस खेल से तंग आ चुके थे. जिसके बाद उन्होंने खुलकर अधिकारियों का विरोध किया. जिसके बाद इस मामले पर कार्रवाई हुई.