हिसार: हरियाणा में ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का आरक्षण (Haryana Sports Quota Reservation) खत्म करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. कई बड़े खिलाड़ी और आवॉर्ड विजेता कोच सड़क पर उतर कर अपना विरोध जता रहे हैं. शुक्रवार को प्रदेश भर के खिलाड़ी हिसार में (players protest in hisar) इकट्ठा हुए और सरकार के इस फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंचे. खिलाड़ियों के समर्थन में ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह और आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद भी हिसार पहुंचे.
खिलाड़ियों के समर्थन में नवीन जयहिंद ने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों ने हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन सरकार का यह घटिया फैसला है. खेल मंत्री संदीप सिंह खुद एक खिलाड़ी हैं. उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. नवीन जयहिंद ने कहा हम पूरे हरियाणा के खिलाड़ियों के बीच में जाएंगे और खिलाड़ियों को डरने की जरूरत नहीं है. गुस्से के लहजे में नवीन जयहिंद ने मूसल दिखाते हुए कहा कि या तो खेल मंत्री आरक्षण खत्म करने का फैसला वापस ले लें, नहीं तो यह मूसल देख लें.
ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा कि सरकार ने ए, बी और सी ग्रुप में स्पोर्ट्स कोटा खत्म कर दिया है. अब सिर्फ ग्रुप डी में स्पोर्ट कोटा है और ग्रुप डी का मतलब यह है कि सरकार चाहती है कि खिलाड़ी चपरासी या फिर दफ्तरों के दरवाजों पर खड़े रहें. खिलाड़ी देश और समाज का मान-सम्मान होते हैं. अगर उनको उनका सम्मान नहीं मिलेगा तो यह देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. विजेंदर सिंह ने सभी लोगों और पूर्व खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के इस गलत फैसले के खिलाफ खिलाड़ियों के समर्थन में आए.
क्या है मामला-हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप ए और बी तथा कर्मचारियों के ग्रुप सी की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि, ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.