हिसार: हरियाणा धाकड़ युवाओं का प्रदेश है. यहां के पहलवान दुनिया के बड़े-बड़े सूरमाओं को मैदान में चित करने का दम रखते हैं. खेल की दुनिया में हरियाणा को भारत की मेडल फैक्ट्री कहा जाता है. ये सब संभव हुआ है यहां के खानपान और युवाओं की मेहनत के दम पर. लेकिन इन उपलब्धियों के अलावा एक युवा आबादी वो भी है जो नशे में लिपटी है. ये नशा हरियाणा के माथे पर एक कलंक बन गया है. सरकार ने नशे के खिलाफ कई मुहिम चलाई, इसके बावजूद अभी भी प्रदेश में आये दिन नशे की खेप बरामद हो रही है. सरकार ने अब नशा तस्करों पर अंकुश लगाने और युवाओं को इससे बचाने के लिए धाकड़ कार्यक्रम (Dhakad scheme in Haryana against drug addiction) की शुरुआत की है.
नशे के खिलाफ धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत हरियाणा पुलिस द्वारा हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम के जरिये की गई. हरियाणा के एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने इसकी शुरुआत की. एडीजीपी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए धाकड़ नाम से ये कार्यक्रम ग्राम स्तर तक चलाया जायेगा. शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर युवाओं को जागरुक किया जाएगा. नशे को रोकने के लिए हेल्प लाइन नंबर 9050891508 जारी किया गया. इस नंबर के माध्यम से नशे से जुड़ी हर तरह की सहायता की जाएगी.
क्या है धाकड़ कार्यक्रम- श्रीकांत जाधव ने कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है. इसके तहत क्लास के 5 बच्चों का एक ग्रुप बनाया जाएगा. ये ग्रुप सुस्त और एकांत में रहने वाले और चोरी छिपे नशा करने वाले बच्चों की पहचान करेंगे. उसकी सूचना क्लास टीचर यानि सीनियर धाकड़ की टीम को देंगे. सीनियर धाकड़ सूचना मिलने के बाद संबंधित प्रिंसिपल हेड मास्टर को रिर्पोट करेंगे जो नोडल धाकड़ कहलायेगा. इस कार्यक्रम के सुपरविजन के लिए राज्य, जिला, उपमंडल, कलस्टर, गांव और वार्ड स्तर पर मिशन टीमें बनाई जाएंगी. ये टीमें नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग उपचार व पुनर्वास के लिए काम करेंगी.