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हिसार में केंद्रीय सहकारी बैंक के अनुबंधित श्रमिकों ने किया प्रदर्शन - हिसार अनुबंधित श्रमिकों का प्रदर्शन

हिसार में केंद्रीय सहकारी बैंक के अनुबंधित श्रमिकों ने धरना देकर सहायक श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा है. श्रमिकों ने तयशुदा वेतन में से अवैध कटौती करने और नौकरी से निकालने के मामले में नाराजगी जाहिर की है.

Cooperative Bank workers protest
Cooperative Bank workers protest

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Published : Sep 1, 2020, 10:18 PM IST

हिसार: केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिडेट में कार्यरत अनुबंधित श्रमिकों ने तयशुदा वेतन में से अवैध कटौती करने और नौकरी से निकालने के मामले में गहरा असंतोष व्यक्त किया है. इस मुद्दे को लेकर भारतीय मजदूर संघ से संबंधित वित्तीय संस्थान ठेका कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने मंगलवार को धरना प्रर्दशन कर जोरदार विरोध जताया. कर्मचारियों ने सहायक श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा और ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

अनुबंधित कर्मचारियों ने कहा कि हिसार केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिडेट में मैसर्ज बाला सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 150 अनुबंधित कर्मचारी पिछले लंबे समय से विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को बैंक तथा ठेकेदार के मध्य डीसी रेट के अनुसार निर्धारित वेतन देने सहित ईपीएफ, ईएसआई, एलडब्ल्यूएफ के नियमानुसार कटौती कर संबंधित संस्थाओं के पास समय पर जमा कराने का करार है और बैंक द्वारा उपरोक्त राशि का भुगतान ठेका कंपनी को किया जा रहा है, लेकिन उक्त अनुबंधित कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान से कम वेतन अदायगी की जा रही है.

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वहीं टीडीएस के नाम पर दो प्रतिशत की अवैध कटौती भी कॉन्ट्रेक्टर द्वारा की जा रही है, जोकि मजदूरी कानुन 1936 की अवहेलना है. इसके अतिरिक्त ईपीएफ की पूर्ण राशि भी कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में जमा नहीं करवाई गई और ईएसआई के नाम पर जो राशि मुख्य नियोक्ता से ली तथा हर माह कर्मचारियों के वेतन से काटी गई है, लेकिन एक भी कर्मचारी को ईएसआई कार्ड नहीं मिला है.

उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों ने मुख्य नियोक्ता के अधिकारियों से इस संबंध में आग्रह किया तो बैंक अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. इसके साथ ही इस अन्याय का विरोध करने वाले कर्मचारी को बिना किसी कारण बताओ नोटिस के नौकरी से निकाल दिया, जबकि लॉकडाउन के दौरान श्रम विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार वेतन कटौती तथा नौकरी से निकालना गैर वाजिब है. उन्होंने मांग की है कि प्रबंधकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तथा बैंक व कॉन्ट्रेक्टर को श्रम विभाग द्वारा जारी लाइसेंस को भी निरस्त करने की अनुशंसा करें.

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