हिसार: साल 2014 में सतलोक आश्रम बरवाला में हुए कांड में पुलिस द्वारा बाबा रामपाल व चार अन्य के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने व बंधक बनाने के मामले में दायर की गई याचिका में सुनवाई खत्म हो गयी है. सेशन न्यायालय ने पुलिस की याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है.
पुलिस ने साल 2014 में बाबा रामपाल वह उसके भक्त रामफल राजेंद्र कुमार, विजेंद्र और प्रीतम के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने व बंधक बनाने का मामला दर्ज किया था. इस इस मामले में सुनवाई करते हुए मुकेश सैनी न्यायाधीश की अदालत ने 29 अगस्त 2017 को पांचो आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने फिर से इस फैसले के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील की थी. सेशन कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है.
गौरतलब है कि सतलोक आश्रम के संचालक बाबा रामपाल के खिलाफ देशद्रोह के केस में अभी सुनवाई चल रही है. इससे पहले हत्या के दो मुकदमों में 2018 में बाबा रामपाल व उसके अनुयायियों को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है.
सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और बंधक बनाने के मामले में बाबा रामपाल फिर से बरी - Baba Rampal acquitted
सतलोक आश्रम के संचालक और प्रवचक बाबा रामपाल को एक बार फिर बरी (sant rampal acquitted) कर दिया गया है. ये मामला सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और बंधक बनाने का है. इस मामले में पुराने फैसले को पुलिस ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी.
बाबा रामपाल सतलोक आश्रम
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Last Updated : Sep 2, 2021, 5:04 PM IST