गुरुग्रामःदेश भर में मंदी की मार से हाहाकार है. ऑटो सेक्टर तो भयंकर मंदी से जूझ रहा है इसिलिए सरकार ने पिछले दिनों ऑटो सेक्टर को कई तरीके की राहतें भी दी थीं. लेकिन उसके बावजूद मारूति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर यूनिट में दो दिन के लिए प्रोडक्शन बंद कर दिया है. हालांकि इसके पीछे वजह क्या है वो अभी साफ नहीं है लेकिन 7 सितंबर और 9 सितंबर के लिए मारुति के इन प्लांटो में प्रोडक्शन का का काम बंद रहेगा जिसे देशभर में छाई मंदी से जोड़कर देखा जा रहा है.
मारूति ने 600 कर्मचारी छुट्टी पर भेजे थे
23 अगस्त को मारुति सुजुकी ने अपने 600 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया था जिसके पीछे ये दलील दी गई थी कि फिलहाल मार्केट में मंदी का दौर है. पहले हर रोज करीब 6000 गाड़ियां बनाई जाती थी, लेकिन मंदी के चलते अब सिर्फ 4500 गाड़ियां ही रोज बनाई जा रही हैं. यही नहीं जो गाड़ियां बनाई भी जा रही हैं उनकी भी उतनी खरीद नहीं हो रही है. घाटे की वजह से कर्मचारीयों को छुट्टी पर भेजा गया है. मंदी का दौर ठीक होते ही सभी को काम पर वापस बुलाया लिया जाएगा.
देखिए कैसे मारुति ने 600 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा था
मंदी के लिए जिम्मेदार जीएसटी-नोटबंदी!
ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई मंदी पर ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट का कहना है कि इस मंदी के लिए साफ तौर पर नोटबंदी और जीएसटी जिम्मेदार है. 1200cc इंजन की गाड़ी से नीचे 28 प्रतिशत और 1200cc इंजन की गाड़ी से ऊपर 40 प्रतिशत जीएसटी लगा रहा है. जिस वजह से गाड़ियों की बिक्री कम हो गई है. इसके साथ ही पहले गाड़ियों पर लोन आसानी से मिल जाता था, लेकिन अब सरकार ने इस पर भी ज्यादा कागजी कार्रवाई कर दी है. जिस वजह से डाउनफॉल बढ़ गया है.
बढ़ती मंदी भारत की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा खतरा
इन दिनों ऑटो सेक्टर में आई मंदी ने सभी कार कंपनियों की हवा निकाल दी है. इसका कितना असर देश पर पड़ रहा है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ऑटो इंडस्ट्री का देश की GDP में 7 फीसदी का योगदान है और इंडस्ट्रियल GDP में ऑटो कंपनियों का 26 फीसदी का योगदान है. ऑटो सेक्टर में आई ये मंदी कई परिवारों की रोजी-रोटी छीन रही है. तो साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था का भी खेल खराब कर रही है.
देश की जीडीपी में भारी गिरावट
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है. अगर सालाना आधार पर तुलना करें तो करीब 3 फीसदी की गिरावट है. एक साल पहले इसी तिमाही में जीडीपी की दर 8 फीसदी थी. पिछली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में गिरावट और कृषि उत्पादन में कमी का जीडीपी ग्रोथ पर ज्यादा असर हुआ है. जीडीपी इस वक्त 7 साल के अपने सबसे निचले स्तर पर है.