फरीदाबाद : जहां चाह है वहीं राह है... यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए अगर व्यक्ति एक बार ठान ले तो रास्ते भी अपने आप बन ही जाते हैं. फरीदाबाद की भानुप्रिया पराशर (Bhanupriya Parashar from Faridabad) ने भी कुछ ऐसा कर दिखाया है. भानुप्रिया पराशर को इसरो से बुलाया आया है जहां वो एक साइंटिस्ट के तौर पर अपनी सेवाएं देंगी. भानुप्रिया पराशर ने काफी संघर्षों के बाद वह मुकाम हासिल किया है. (Bhanupriya Parashar selected in ISRO)
हरियाणा पुलिस की सब इंस्पेक्टर-30 साल कीभानुप्रिया पराशर के घर की स्थिति ठीक न होने के चलते उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. बीटेक और एमटेक की पढाई पूरी करने के बाद परिवार ने शादी का दबाव बनाया लेकिन भानुप्रिया पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. इस बीच पिता की मौत ने परिवार को झकझोर दिया. जिसके बाद भानुप्रिया ने सरकारी नौकरी की तैयारी लिए मेहनत की और कई फॉर्म भरे.
भानुप्रिया पराशर बनीं इसरो में साइंटिस्ट इसी साल की शुरुआत में भानुप्रिया का सेलेक्शन हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के तौर पर हो गया. खास बात ये है कि इस भर्ती में भी भानुप्रिया ने टॉप किया था. इस बीच दिल्ली शिक्षा विभाग से भी उन्हें नौकरी का ऑफर आया लेकिन उन्होंने इसपर हरियाणा पुलिस की वर्दी को तरजीह दी. (Haryana Police Sub Inspector selected in ISRO) (Faridabad Girl Selected in ISRO)
2022 में हरियाणा पुलिस में हुआ सिलेक्शन तीसरी बार में क्वालीफाई किया ISRO का एग्जाम:इस साल की शुरुआत में हरियाणा पुलिस में सिलेक्ट होने के बाद भानुप्रिया अपनी ट्रेनिंग के लिए पुलिस एकेडमी चली गई लेकिन इसी बीच उन्हें ISRO से भी बुलाया आ गया. भानुप्रिया पराशर के मुताबिक ये उन्होंने तीसरी कोशिश में इसरो की परीक्षा को पास किया.
दिल्ली शिक्षा विभाग से भी मिला मौका पहले उन्हें ISRO में सिलेक्ट होना बड़ी बात नहीं लगी और एक वक्त था कि वो फिर से पुलिस की वर्दी को तरजीह देना चाहती थी. लेकिन सीनियर ऑफिसर्स को बातचीत के बाद उनका मन बदल गया, साथी अफसरों ने समझाया कि वर्दी में तुम सिर्फ हरियाणा पुलिस की सब इंस्पेक्टर हो लेकिन इसरो में जाना एक उपलब्धि है जहां तुम पूरे देश के लिए काम करोगी और इसरो में सेलेक्शन से तुमने प्रदेश का नाम रोशन किया है. इसके बाद भानुप्रिया ने इसरो में जाने का फैसला किया. (Bhanupriya Parashar selected in ISRO)
बचपन का सपना किया साकार: भानुप्रिया की मां ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि उनकी बेटी का ये बचपन का सपना था, जो उसकी मेहनत की बदौलत पूरा हुआ है. मां बताती है कि जब भानुप्रिया छोटी थी, तो टीवी पर कल्पना चावला के बारे में बताया जा रहा था. तब छोटी सी भानुप्रिया ने कहा कि वो भी बड़े होकर कल्पना चावला की तरह वैज्ञानिक बनेगी. पिता ने भानुप्रिया को बेटों से ज्यादा प्यार दिया और हमेशा मेहनकर करने की सीख दी और इसी सीख ने आज उन्हें मंजिल तक पहुंचा दिया.
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