फरीदाबाद: शहर के सेक्टर-2 में रहने वाले विनायक चौधरी के परिजनों को यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध (Russia Ukraine war) के बीच अपने बेटे की चिंता सताने लगी है. पिता धर्मेन्द्र चौधरी के मुताबिक उनका बेटा यूक्रेन के लबीब शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया है और वह अभी सेकेंड ईयर में है. अभी तक ऐसे माहौल मे सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है.
पिता का कहना है कि लबीब शहर से मुंबई-दिल्ली के लिए 8 दिन में फ्लाइट चलती है. उनकी सरकार से सिर्फ यही अपील है कि उनके बेटे के साथ-साथ दूसरे बच्चों को भी वहां से सुरक्षित भारत लाएं. इस ओर सरकार को फौरन कदम उठाने चाहिए. विनायक के पिता बताते हैं कि उन्होंने बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर भारत सरकार के तमाम बड़े अधिकारी और नेताओं को इस बारे मे ट्वीट किया है.
उनकी बेटे से रोजाना बात होती है, लेकिन गुरुवार को कई घंटे कोशिश करने के बाद बात हुई. वहां पर जान माल का पूरा खतरा है. विनायक इस वक्त एबीबीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है. यूक्रेन के दो इलाकों पर रूस का अधिकार होने के बाद दोनों देश आमने-सामने हैं. ऐसे में वहां कुथ भी हो सकता है. ऐसे में हमें लगता है कि अब हमारे बच्चे वहां बिल्कुल भी सुरक्षित (Faridabad students in ukraine) नहीं है.
धर्मेन्द्र चौधरी बताते हैं कि भारत सरकार ने वहां फंसे छात्रों (Faridabad student trapped in Ukraine) व अन्य लोगों को लाने के लिए तीन फ्लाइट भेजी थी. जिसके टिकट बहुत ही महंगे थे और सभी के टिकट एक ही घंटे में बुक हो गए थे. एक फ्लाइन वहां से आ भी चुकी है. खाने पीने की सारी चीजें बहुत महंगी हो चुकी हैं. उनके पास सिर्फ 10-15 दिन का ही राशन बचा है. बच्चे से बात हुई तो उसने बताया की हालात तनावपूर्ण हैं. लबीब शहर में हालात थोड़े ठीक हैं, लेकिन भारत लौटने के लिए उन्हें कीव शहर आना होगा.