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यूक्रेन में फंसे फरीदाबाद के छात्र, परिजनों ने सरकार से लगाई बच्चों को सुरक्षित वतन वापस लाने की गुहार

रूस ने यूक्रेन पर हमला (russia ukraine war) कर दिया है. इस युद्ध की वजह से यूक्रेन के अलग-अलग शहरों की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र फंस (indian students in ukraine) गए हैं. इनमें हरियाणा के करीब 2 छात्र भी शामिल हैं.

Faridabad student trapped in Ukraine
क्रेन में फंसे फरीदाबाद के छात्र के परिजन से बातचीत.

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Published : Feb 24, 2022, 5:11 PM IST

फरीदाबाद: शहर के सेक्टर-2 में रहने वाले विनायक चौधरी के परिजनों को यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध (Russia Ukraine war) के बीच अपने बेटे की चिंता सताने लगी है. पिता धर्मेन्द्र चौधरी के मुताबिक उनका बेटा यूक्रेन के लबीब शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया है और वह अभी सेकेंड ईयर में है. अभी तक ऐसे माहौल मे सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है.

पिता का कहना है कि लबीब शहर से मुंबई-दिल्ली के लिए 8 दिन में फ्लाइट चलती है. उनकी सरकार से सिर्फ यही अपील है कि उनके बेटे के साथ-साथ दूसरे बच्चों को भी वहां से सुरक्षित भारत लाएं. इस ओर सरकार को फौरन कदम उठाने चाहिए. विनायक के पिता बताते हैं कि उन्होंने बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर भारत सरकार के तमाम बड़े अधिकारी और नेताओं को इस बारे मे ट्वीट किया है.

क्रेन में फंसे फरीदाबाद के छात्र के परिजन से बातचीत.

उनकी बेटे से रोजाना बात होती है, लेकिन गुरुवार को कई घंटे कोशिश करने के बाद बात हुई. वहां पर जान माल का पूरा खतरा है. विनायक इस वक्त एबीबीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है. यूक्रेन के दो इलाकों पर रूस का अधिकार होने के बाद दोनों देश आमने-सामने हैं. ऐसे में वहां कुथ भी हो सकता है. ऐसे में हमें लगता है कि अब हमारे बच्चे वहां बिल्कुल भी सुरक्षित (Faridabad students in ukraine) नहीं है.

धर्मेन्द्र चौधरी बताते हैं कि भारत सरकार ने वहां फंसे छात्रों (Faridabad student trapped in Ukraine) व अन्य लोगों को लाने के लिए तीन फ्लाइट भेजी थी. जिसके टिकट बहुत ही महंगे थे और सभी के टिकट एक ही घंटे में बुक हो गए थे. एक फ्लाइन वहां से आ भी चुकी है. खाने पीने की सारी चीजें बहुत महंगी हो चुकी हैं. उनके पास सिर्फ 10-15 दिन का ही राशन बचा है. बच्चे से बात हुई तो उसने बताया की हालात तनावपूर्ण हैं. लबीब शहर में हालात थोड़े ठीक हैं, लेकिन भारत लौटने के लिए उन्हें कीव शहर आना होगा.

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भारत के लगभग 18 हजार बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हुए हैं. हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक इन 18 हजार बच्चों में प्रदेश के दो हजार स्टूडेंट शामिल हैं. वहीं, विनायक की बहन भूमिका का कहना है कि सरकार से बस एक ही अपील है कि उनके भाई के साथ-साथ प्रदेश और देश के जितने भी छात्र वहां फंसे हैं उन्हें सुरक्षित देश वापस लाया जाए.

वहीं, प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने यूक्रेन में मौजूदा अनिश्चितताओं और तनाव को देखते वहां फंसे भारतीय नागरिकों से आग्रह किया वे शांत रहें और घबराहट व चिंता से दूर रहें. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) के साथ निकट सहयोग में हर संभव सहायता प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि स्थिति की निगरानी और नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने पहले ही विदेश मंत्रालय के तहत विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया है. इस नियंत्रण कक्ष में डॉ. आदर्श स्वाईका, संयुक्त सचिव (Eurasia & CNV&I) के मार्गदर्शन में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है.

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