फरीदाबाद: दिल्ली से सटी हाई प्रोफाइल फरीदाबाद लोकसभा सीट के गांव धतीर में बना भुडेर पाल का दादा हजारी बंगला (चौपाल) कभी अपने राजनीतिक फैसलों के लिए मशहूर हुआ करता था.
इस बंगले की चौखट पर कभी सिर झुकाते थे बंसीलाल,देवीलाल जैसे दिग्गज, आज हुआ वीरान
इस बंगले पर जो भी फैसला होता था वह इस पाल के 28 गांवों के लिए मान्य होता था. देश के उप-प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल, पूर्व सीएम बंसीलाल और ओपी चौटाला जैसे दिग्गजों ने इसी बंगले से पाल पंचों से आशीर्वाद लेकर चुनाव प्रचार शुरू किया और जीते भी.
किस-किस को मिला यहां से समर्थन-
- 1967 में चौधरी धनसिंह को समर्थन दिया तो वह जीत गए.
- 1972 में श्यामलाल के पक्ष में निर्णय लिया तो वह भी जीत गए.
- 1987 में पूर्व मंत्री सुभाष कत्याल के पक्ष में निर्णय लिया तो वह भी चुनाव जीत गए.
- 1991 व 1996 में पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल के पक्ष में निर्णय लिया गया तो वह भी चुनाव जीत गए.
- 2005 में लोकसभा के लिए अवतार भड़ाना के पक्ष में निर्णय लिया गया तो वह भी चुनाव जीत गए.
- 2009 में लोकसभा के लिए फिर से अवतार सिंह भड़ाना को समर्थन दिया गया और वह जीत.
- 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया तो बीजेपी के कृष्णपाल गुर्जर यहां से जीते.
क्या कहते हैं ग्रामीण ?
1992 में जब उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल इस हजारी बंगले पर आए तो उन्होंने लोगों से समर्थन मांगा और ग्रामीणों ने एक स्वर में उनका समर्थन किया. इसी बंगले को उन्होंने फरीदाबाद लोकसभा सीट के लिए निर्णायक बंगला बताया था. गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल चौधरी, बंसीलाल, ओम प्रकाश चौटाला इस बंगले पर आकर वोट मांगा करते थे क्योंकि इस बंगले की आस्था इस पाल के 28 गांव से जुड़ी हुई है. अब बंगले पर नहीं आता कोई
जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे ही राजनीति की हवा बदल दी गई और राजनीति की हवा बदलने के साथ-साथ इस बंगले की भी हवा बदल चुकी है. आज यह बंगला इन फैसलों का गवाह बेशक हो लेकिन यह बंगला आज अपना प्राचीन अस्तित्व खो चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि अब सबकी अपनी अलग-अलग सोच हो चुकी है और सबके पास अपनी जगह है तो अब बंगले पर आना जरूरी नहीं समझते. उन्होंने कहा यह उनके पूर्वजों की धरोहर है और वह उसको संभाल कर रखने का काम कर रहे हैं. अब यहां कोई आता जाता नहीं है जिस वजह से अब यह बंगला खंडहर हो चुका है.