चंडीगढ़:हरियाणा में विपक्षी दल हरियाणा सरकार को अवैध खनन के मामले को लेकर घेरते नजर आते हैं. विपक्षी पार्टियों की तरफ से हरियाणा सरकार पर अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप लगाए जाते हैं.
जानिए खनन माफियाओं पर क्यों नहीं लग पा रही लगाम अवैध खनन में जहां भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता है, वहीं खनन से होने वाले प्राकृतिक नुकसान को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं. हाई कोर्ट में हरियाणा के यमुनानगर एसपी की तरफ से जो एफिडेविट दी गई, वह काफी चौंकाने वाली थी .
चौंकाने वाला खुलासा
दरअसल जानकारी के अनुसार यमुनानगर जिले में पिछले 6 से 7 साल में 487 FIR दर्ज हुई थी. जिसमें से महज छह मामलों में ही सजा हो पाई. अधिकतर मामलों में दोषी बनाए गए लोग बरी हो गए.
उन्होंने कहा कि यमुनानगर के खिजराबाद थाने के अंतर्गत अधिकतर एफ FIR होती है. जहां पर सुबह शाम माइनिंग होती है. इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से मुख्य सचिव हरियाणा, डीजीपी हरियाणा और सेक्रेटरी माइंस भारत सरकार को आदेश जारी किए गए थे कि अवैध माइनिंग के मामले में जो लगातार आरोपी बरी हो रहे हैं. उस मामले में जांच के बाद आरोपी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफिडेविट दायर करेंगे. हालांकि अभी 20 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई है. जिसमें जवाब दायर किया जाना है.