चंडीगढ़: कोविड-19 के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों और हरियाणा में फंसे अन्य राज्यों के लोगों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है.
हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को सरकार द्वारा ई-दिशा पोर्टल पर सृजित वेब पेज https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService पर अपना पंजीकरण करवाना होगा. ऐसे पंजीकरण में सहायता के लिए हारट्रोन द्वारा एक कॉल सेंटर चलाया जाएगा जो ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण करेगा.
इसके अतिरिक्त, मूवमेेंट पास प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति नम्बर-1950 पर संबंधित जिलों के नियंत्रण कक्ष से या नंबर-1100 पर राज्य नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं. हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने वाले लोगों से संबंधित सभी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक या कागजी रिकॉर्ड के रूप में रखा जाएगा और चिकित्सा जांच के दौरान प्रवेश या निकास बिंदुओं पर उनकी जांच की जाएगी.
हर राज्य के लिए नोडल आधिकारी नियुक्त किए गए
गृह विभाग के सचिव टी.एल. सत्यप्रकाश को राज्य सरकार द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समन्वय के लिए राज्य नोडल अधिकारी नामित किया गया है. इसी प्रकार, अनुराग रस्तोगी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के लिए, अजय सिंह तोमर को राजस्थान के लिए, टी.एल. सत्यप्रकाश को कर्नाटक के लिए, मोहम्मद शायीन को केरल एवं तमिलनाडु के लिए, अजीत बालाजी जोशी को गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार एवं झारखंड के लिए और आमना तस्नीम को हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए राज्य नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
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आने-जाने वालों के लिए बने नियम
लोगों को भेजने वाले राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जो लोग हरियाणा में आने के इच्छुक हैं उनकी चिकित्सा जांच की जाए और केवल उन्हें ही अनुमति दी जाए जिनमें कोविड -19 के लक्षण नहीं हैं. इसी प्रकार, हरियाणा से बाहर भेजे जाने वाले सभी व्यक्तियों की भी उचित रूप से जांच की जाएगी. हरियाणा आने और बाहर जाने वाले सभी लोगों के पास चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र होना चाहिए कि उनकी जांच की गई है और कोई कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं है. इस प्रकार यात्रा करने वाले हर व्यक्ति का राज्यवार और जिलेवार, नाम और संपर्क विवरण तैयार किया जाएगा.
दुपहिया वाहन चालकों के लिए भी खास नियम
अपने निजी वाहनों से यात्रा करने वाले लोगों को उक्त वैब लिंक पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और अपनी यात्रा शुरू करने से पहले दी गई अनुमति को डाउनलोड करना होगा. उन्हें मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान इस प्रारूप को प्रस्तुत करना होगा. ऐसे लोग संबंधित जिलों से परमिट के लिए आवेदन करेंगे और उन्हें स्पष्ट रूप से अपने गंतव्य, यात्रा की तारीख और मार्ग का उल्लेख करना होगा. अपने वाहनों को सैनिटाइज करना होगा और अपने गंतव्य पर पहुंच कर उन्हें कम से कम 14 दिनों के लिए घर/संस्थागत क्वारंटाइन के लिए कहा जाएगा. ऐसे लोगों की रोजाना स्वास्थ्य की जांच की जाएगी.
रेल यात्रा के दौरान रखना होगा इन बातों का ध्यान
रेल से यात्रा करने वाले लोगों के संबंध में राज्य नोडल अधिकारी अन्य राज्य के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय करके ऐसे लोगों की विस्तृत सूची तैयार करेंगे और रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग, साफ सुथरे शौचालयों और चिकित्सा दल की सुविधा होना सुनिश्चित करेंगे. रेल में यात्रा के दौरान यात्री को परमिट दिखाना होगा. अंतरराज्यीय आवाजाही के दौरान लोगों को भेजने और प्राप्त करने वाले राज्यों के नोडल अधिकारी आपस में परस्पर तालमेल रखेंगे.
बस यात्रा के लिए भी नियम
बस से यात्रा करने वाले लोगों के मामले में, नोडल अधिकारी बसों की आवाजाही से पहले, अन्य राज्यों के नोडल अधिकारियों को प्रोफार्मा भेजेंगे ताकि राज्य में आवश्यक अनुवर्ती कार्यवाही के लिए लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति और यात्रा के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके. लोगों की अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए बसों में चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग स्थान चिह्नित किए जाएंगे. दूसरे राज्यों की सीमा पर स्थित जिलों द्वारा आने वाले लोगों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग, भोजन, पीने का पानी, शौचालय और अतिरिक्त वाहनों आदि की व्यवस्था की जाएगी जहां से ये लोग अपने-अपने जिलों को जाएंगे. अपने गंतव्य पर पहुंच कर उन्हें कम से कम 14 दिनों के लिए घर/संस्थागत क्वारंटाइन के लिए कहा जाएगा. ऐसे लोगों की रोजाना स्वास्थ्य की जांच की जाएगी.
हरियाणा में आने-जाने के लिए कराना होगा पंजीकरण
हरियाणा राज्य में आने वाले सभी व्यक्ति न केवल पंजीकरण करने के लिए बाध्य होंगे बल्कि उन्हें पंजीकरण की डाउनलोड की गई प्रति या स्मार्ट फोन पर या सॉफ्टकॉपी दिखानी होगी. राज्य में आने या बाहर जाने के इच्छुक हर व्यक्ति को अपनी पहचान के लिए पहचान पत्र या कोई अन्य दस्तावेज दिखाना होगा. प्रत्येक बाहर जाने वाले व्यक्ति के बारे में, पड़ोसी जिला के नोडल अधिकारी या राज्य के नोडल अधिकारी को उचित सूचना भेजनी होगी.
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उपायुक्त द्वारा जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो दैनिक आधार पर व्यक्तियों की आवाजाही का रिकार्ड रखेंगे और मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रावधान के उल्लंघन के मामले में तुरंत गृह विभाग को रिपोर्ट भेजेंगे. नोडल विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी हॉटस्पॉट्स, कंटेनमेंट जॉन, ग्रीन जॉन आदि के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे. यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो संपर्क अधिकारी उसी राज्य में उसके चिकित्सा उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे.