चंडीगढ़: किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसों को लेकर सरकार के बदलते रुख पर कर्मचारी सख्त हो गए हैं. कर्मचारियों ने बिना शर्त के योजना के रद्द होने पर आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की है. कर्मचारियों ने 700 बसों की इस स्कीम की जांच सीबीआई और हाई कोर्ट के सीटिंग जज से कराने की मांग की है. कर्मचारियों ने उन पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने को लेकर भी दबाव बनाया है.
परिवहन विभाग ने किलोमीटर स्कीम के तहत अनुबंधित 510 बसों की ईएमडी वापस लेने का प्रस्ताव दिया है. इस मामलें सर्व कर्मचारी संघ ने करोड़ों के गबन का आरोप लगाया है.
सर्व कर्मचारी संघ की मानें तो इस मामले में 510 निजी बसों की तुलना में 190 बसों के रेट में 26 रुपये प्रति किलोमीटर का भारी अंतर है. इस पर 2018 में किलोमीटर स्कीम के खिलाफ कर्मचारीयों ने 18 दिन की लंबी हड़ताल की थी. 1974 कर्मचारियों पर केस दर्ज किया था.
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इस दौरान एस्मा के तहत 318 कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई और 567 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया. प्रोबेशन पीरियड पर चल रहे 73 और ठेके पर भर्ती 194 कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए 318 कर्मचारियों को निलंबित भी किया था. बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर कर्मचारी ड्यूटी पर लगाए गए थे.