चंडीगढ़: लॉकडाउन में टेंट हाउस कैटरिंग बिजनेस से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन के चलते विवाह समारोह या तो स्थगित कर दिए गए या उन्हें रद्द कर दिया गया. ऐसे में टेंट हाउस मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. न केवल टेंट हाउस मालिक, कैटरर्स और उनके कर्मचारियों को भी नुकसान उठाना पड़ा. कुक, वेटर्स, जनरेटर ऑपरेटर, फूले वाले और बैंड समेत डीजे ऑपरेटर्स का काम भी इस दौरान पूरी तरह से ठप रहा.
बुकिंग हुई कैंसल
लॉकडाउन से पहले इन लोगों के पास कई शादियों और अन्य समारोह की बुकिंग जरूर थी. मगर इन सभी बुकिंग के कैंसिल हो जाने के बाद, ग्राहकों के पैसे वापस लौटाने की भी चिंता टेंट हाउस मालिक और कैटर्स को सता रही है.
लॉकडाउन से देश में लाखों शादियां हुई कैंसिल, करोड़ों रुपयों का नुकसान काम पूरी तरह ठप
ईटीवी भारत ने टेंट हाउस मालिक और कैटर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि ये 2 महीने का समय उनके लिए बेहद मुश्किलों भरा रहा और आगे भी उनका काम पूरी तरह से ठप नजर आ रहा है. हमारा काम साल में करीब 6 महीने रहता है. मार्च से लेकर मई-जून तक भरपूर काम होता है, लेकिन इस दौरान लगे लॉकडाउन ने सब चौपट कर दिया. टेंट मालिक ने बताया कि दुकानों का किराया चुकाना और इनके पास काम करने वाली लेबर को तनख्वाह देना भी मुश्किल हो रहा है.
एक टेंट हाउस से जुड़े होते हैं कई लोग
टेंट हाउस मालिक और कैटर्स ने बताया कि एक काम आने पर उनके साथ कई लोग जुड़े रहते हैं. जो कि एक चेन की तरह रहता है. जिसमें वेटर से लेकर कुक और डीजे ऑपरेटर से लेकर फूलों की सजावट करने वाले लोग अलग-अलग काम करते हैं. इस तरह से सर्कल चलता है. मगर इनका काम ठप हो जाने के चलते बाकी सभी बेरोजगार हो गए हैं.
उन्होंने बताया कि सरकार ने अब 50 लोगों की अनुमति दे दी है. मगर 50 लोगों के कार्यक्रम के लिए फायदा नहीं मिलता बल्कि नुकसान उठाना पड़ता है. लोग बड़ा समारोह ना कर छोटे-मोटे और साधारण तरीके से विवाह समारोह निपटा रहे हैं.
शादी के लिए लोगों की सीमा बढ़ाए सरकार
फिलहाल टेंट हाउस मालिक सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन्हें भी किसी तरह की राहत देने का काम किया जाए. सरकार किसी तरह के लोन की घोषणा इनके लिए करें या शादी समारोह के लिए रखे गए 50 लोगों की सीमा को बढ़ाकर 150 से 200 किया जाए. ताकि बड़े समारोह में विवाह संपन्न करवाने के इच्छुक लोग फिर से काम देना शुरू करें और इनके समेत इनसे जुड़े अन्य व्यवसाय के लोगों का काम भी चल पड़े.
ये भी पढ़ें-ना खाना, ना पानी, मीलों का पैदल सफर, ये तस्वीरें देख पत्थर दिल भी पसीज जाएगा