रायपुर/चंडीगढ़: महिलाएं पति की लंबी उम्र, सफलता और समृद्धि के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. पूरे दिन निर्जल व्रत रखने के बाद चंद्रमा की पूजा और पति की आरती उतारने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. इस दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सौभाग्य का वरदान मांगती हैं.
करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. यह पर्व सौभाग्यवती स्त्रियां मनाती हैं. पंडित अरूणेश शर्मा ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र गुरुवार को है. चतुर्थी सुबह 6.48 बजे से शुरू होकर पूरे दिन रहेगी. उन्होंने बताया कि रायपुर में चंद्रोदय का वक्त 8 बजकर 11 मिनट और काशी में चंद्रोदय का वक्त 7 बजकर 59 मिनट है.
- पति की दीर्घायु और अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चतुर्थी माता और गणेशजी की भी पूजा की जाती है.
- महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. यह व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है.
- इस दिन की कथा पढ़कर, चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं पति की आरती उतारती हैं. पति पानी पिलाकर पत्नियों का खुलवाते हैं.
- चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी, जिसके कारण इससे पहले महिलाओं को सरगी खानी होगी.