चंडीगढ़: जब देश में खेलों की बात होती है तो हरियाणा का नाम पहले नंबर पर आता है. देश का छोटा सा राज्य हरियाणा बड़े-बड़े राज्यों से बहुत आगे रहता है. हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर स्तर पर देश का मान हमेशा ऊंचा किया है. दंगल का मैदान हो या बॉक्सिंग की रिंग. हॉकी हो या फिर जैवलिन. सभी खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने डंका बजाया है. खेलों में सबसे ज्यादा दबदबा हरियाणा के पहलवानों का है. इसकी ताजा बानगी CWG 2022 में दिखी. जहां भारत ने कुश्ती में कुल 12 पदक जीते. इनमें से 11 मेडल हरियाणा के पहलवानों (Haryana medals in wrestling) के हैं. वहीं बॉक्सिंग में भारत के कुल 7 पदक हैं जिनमें से 4 हरियाणा के बॉक्सर ने जीते.
ऐसे में हर खेल प्रेमी ये जानना चाहता है कि आखिर हरियाणा में ऐसा क्या है जो यहां के खिलाड़ी नंबर वन रहते हैं. खेलों में हरियाणा के आगे होने के कई कारण हैं. हरियाणा में खेल का बेहतर संसाधन और सरकार की खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन नीति इसका बड़ा कारण है. सरकार की नीति खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाती है. बेहतर खेल नीति की वजह से ओलंपिक से लेकर एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स तक हरियाणा के खिलाड़ियों का डंका बजता है. बर्मिमंघम कॉमनवेल्थ खेलों में भी साल 2018 की तरह सबसे अधिक मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीता है. 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 22 मेडल देश के नाम किए थे. हलांकि इस बार ये आकंड़ा कम है लेकिन 17 मेडल के साथ हरियाणा अभी भी देश में नंबर वन है.
विनेश फोगाट ने कॉमनवेल्थ में लगातार तीसरी बार गोल्ड मेडल जीता. हरियाणा में खिलाड़ियों को इनामी राशि-हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार के रुप में सबसे ज्यादा नगद राशि (Prize money to players in Haryana) देता है. हरियाणा ने हर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के हिसाब से इनामी राशि खिलाड़ियों के लिए तय की हुई है. ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को ढाई करोड़ की नकद राशि दी जाती है. इतना ही नहीं ओलंपिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी सरकार 15-15 लाख की राशि देती है.
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कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वालों को नकद राशि- राज्य सरकार ने एशियाई, कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पैरा खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह नगद पुरस्कार देने का प्रावधान किया हुआ है. एशियाई खेलों में राज्य सरकार स्वर्ण पदक विजेता को 3 करोड़, रजत पदक विजेता को डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 75 लाख की इनामी राशि देती है. वहीं कॉमनवेल्थ खेलों की बात करें तो इसमें स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को राज्य सरकार डेढ़ करोड़, रजत पदक विजेता को 75 लाख और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपये नकद राशि देती है.
बॉक्सिंग में अमित पंघाल और नीतू ने गोल्ड और सागर ने रजत पदक जीता. हरियाणा में खिलाड़ियों को सुविधाएं- हरियाणा में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खिलाड़ियों को सिर्फ नकद इनाम ही नहीं दिए जाते बल्कि इसके साथ अन्य सुविधाएं भी खिलाड़ियों को मुहैया करवाई जाती हैं जो बाकी प्रदेश में नहीं मिलती. इसके लिए सरकार ने हरियाणा स्टेट गवर्नमेंट फंड का गठन किया है. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही अभी तक खिलाड़ियों को 400 करोड़ इनामी राशि दी जा चुकी है. इसके साथ ही खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति दी जाती है. राज्य सरकार ने ओलंपिक, पैरालंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को केवल तैयारी के लिए 5 लाख एडवांस राशि देती है.
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अवार्ड जीतने वाले खिलाड़ियों को मानदेय- खिलाड़ियों में जोश बनाए रखने के लिए राज्य सरकार अर्जुन अवॉर्ड, द्रोणाचार्य अवॉर्ड और ध्यानचंद पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ियों को 20 हजार रुपये प्रति माह मानदेय देती है. राज्य सरकार खेल रत्न अवॉर्ड जीतने वाले खिलाड़ी को भी 20 हजार प्रति माह देने की बात कर चुकी है. खेलों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेता को 20 हजार प्रति माह, भीम पुरस्कार विजेताओं को हर महीने 5 हजार रुपये मानदेय मिलता है. भीम अवार्ड हरियाणा का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है जो हर साल खिलाड़ियों को दिया जाता है.
दीपन पुनिया ने पहलवानी में गोल्ड मेडल जीता. हरियाणा में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी- हरियाणा में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी देने का भी प्रावधान किया हुआ है. इसके लिए हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021 बनाया गया है. प्रदेश में अब तक 80 से अधिक खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में प्रथम श्रेणी से लेकर तृतीय श्रेणी तक के पद सृजित किए गए हैं. विभिन्न भर्तियों में योग्य खिलाड़ियों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पदों में 3 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी के पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाता है.
हरियाणा में पदक लाओ पद पाओ नीति के तहत नौकरी देने का प्रावधान है. अब तक पदक लाने वाले 190 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं. साथ ही खिलाड़ियों की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुरस्कार राशि में भी बढ़ोतरी की गई है. अब तक सरकार ने लगभग 12 हजार खिलाड़ियों को 425 करोड़ रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान किया है. खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से तैयार करने के लिए 1100 खेल नर्सरियां तथा 1100 गांवों में योग एवं व्यायामशालाएं खोली गई हैं. स्कूली विद्यार्थियों को पर्वतारोहण की चढ़ाई करने पर 5 लाख रुपए की राशि व ग्रेड सी का प्रमाण पत्र पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया जाता है. इसके अलावा खिलाड़ियों को 700 से 1000 रुपए तक की मासिक छात्रवृति देने का भी प्रावधान है.
साक्षी मलिक ने पहलवानी में गोल्ड मेडल जीता. ये भी पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स में छाए हरियाणा के खिलाड़ी: पहलवानों ने दिखाया अपना दमखम, बजरंग, साक्षी, दीपक लाए गोल्ड
ग्रामीण स्तर पर खेल स्टेडियम- प्रदेश में खेलों को ग्रामीण स्तर तक बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय खेल परिसर और खेल स्टेडियम बनाए गए हैं. उपमंडल स्तर तक भी खेल परिसरों का निर्माण किया गया है. सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक से लेकर तैराकी के लिए पूल तक का इंतजाम किया गया है. कुछ जिलों में आवासीय खेल अकादमी भी खोली गई हैं. डे बोर्डिंग खेल अकादमी भी कई जगह खोली गई हैं.
नीतू घणघस ने बॉक्सिंग में गोल्ड जीता. CWG 2022 में हरियाणा के कुल मेडल-कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के कुल मेडल (Haryana total medals in Commonwealth Games) की बात करें तो हरियाणा ने कुल 17 पदक हासिल किये हैं. अमित पंघाल, नीतू घनघस ने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता. साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया, रवि कुमार दहिया, विनेश फोगाट और नवीन कुमार ने कुश्ती में गोल्ड जीता. वहीं सुधीर ने पैरा पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया. अंशु मलिक ने कुश्ती में सिल्वर, पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, दीपक नेहरा और मोहित ग्रेवाल ने कुश्ती में ब्रॉंज जीता. सागर अहलावत ने बॉक्सिंग में सिल्वर और जैसमिन लंबोरिया ने बॉक्सिंग में कांस्य पदक हासिल किया. वहीं संदीप कुमार ने एथलेटिक्स में ब्रॉंज मेडल जीता है.
कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 की बात करें तो देश को मिलने वाले 7 में से 3 पदक हरियाणा ने जीते थे. इनमें नीरज चोपड़ा का नाम प्रमुख है, जिन्होंने भाला फेंक में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था. रवी दहिया ने कुश्ती में रजत तो पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता था. टोक्यो ओलंपिक में हॉकी में कांस्य पदक जीतने में भी हरियाणा की भूमिका प्रमुख रही थी, इस टीम में भी हरियाणा के दो खिलाड़ी खेल रहे थे. इतना ही नहीं पैरा ओलंपिक में देश को 19 मेडल मिले थे, इनमें से 6 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम थे.
रवि दहिया ने पहली ही बार में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. अगर थोड़ा और पीछे जाएं तो 2016 में हुए रियो ओलंपिक में देश की दो में से एक पदक और पैरा ओलंपिक में भी एक पदक हरियाणा का था. 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते थे. जिसमें से चार हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम थे. यानी हर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हरियाणा के खिलाड़ी देश का परचम लहराते हुए दिखाई देते हैं. खेलो इंडिया 2020 में भी हरियाणा के खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया और 200 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर रहे.
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