चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने प्रदेश भर में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत हरियाणा पुलिस ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए काम करेगी.
10 नवम्बर-10 दिसंबर तक चलेगा अभियान
हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें. इस संबंध में तलाशी, जब्ती और जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है.
शैक्षणिक संस्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता
स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी.
नियमों का उल्लंघन करना पड़ सकता है महंगा
नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित भी किया जाएगा. पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने लगाया है प्रतिबंध
हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया है. अध्यादेश के तहत, ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है.
जिसमें पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह महीने तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं. महानिदेशक ने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें.
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