चंडीगढ़:हरियाणा सरकार ने पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की तैयारी कर ली है. मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान यह बिल सदन में टेबल किया जाएगा. मंगलवार अगर ये बिल सदन में पास हो जाता है तो कानून बनने के बाद अगर कोई परीक्षा अधिकारी के साथ मिलकर पेपर लीक करने का षड्यंत्र रचता है तो दोषी या दोषियों को अधिकतम 10-10 साल की सजा होगी. साथ ही 10-10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा.
पेपर लीक करने वालों पर होगी सख्ती: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सरकार ने पेपर लीक या नकल से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दोषियों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान किया है. इस मामले में सजा 7 साल से कम और जुर्माना 10 दस लाख रुपये से कम नहीं होगा. मंगलवार को चर्चा के बाद इस विधेयक को सदन में पास करवाया जाएगा.
मंगलवार को चर्चा के दौरान सदस्य इस बिल की कमियों को दूर करा सकते हैं. विधेयक पारित होने के बाद सरकार इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजेगी. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार अधिसूचना जारी करेगी. इसके साथ ही नया कानून अस्तित्व में आ जाएगा.
नए कानून में सजा के ये भी होंगे प्रावधान:अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता या कराता है. किसी अप्राधिकृत इलेक्ट्रॉनिक व मैकेनिकल उपकरण व गैजेट का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति परीक्षा के दौरान निरीक्षण टीम के किसी सदस्य, पर्यवेक्षण अमले, परीक्षा अधिकारी या प्राधिकरण के नियुक्त सदस्य को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोकता है, धमकी देता है तो दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा.
अगर परीक्षा आयोजित कराने वालों में शामिल कोई अधिकारी, कर्मचारी पेपर लीक करता है या दलाली करता है तो दोषी पाए जाने पर सात वर्ष तक सजा व एक लाख रुपये से तीन लाख रुपये तक जुर्माना होगा.
पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं, घर-संपत्ति होगी जब्त, 10 साल की सजा ! - haryana assembly new law
हरियाणा सरकार ने पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की तैयारी कर ली है. मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान यह बिल सदन में पेश करवाया जाएगा. कानून बनने के बाद दोषी या दोषियों को अधिकतम 10-10 साल की सजा होगी. साथ ही 10-10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा.
पेपर लीक आम जनता के साथ धोखा:मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में विधेयक पेश करते वक्त कहा कि सरकारी भर्ती के प्रश्न-पत्र का लीक होना न केवल आम जनता से धोखा है, बल्कि सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. परीक्षा रद्द करने से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है. संविधान के अनुच्छेद 16-1 में निष्पक्ष व उचित भर्ती प्रक्रिया का प्रावधान है. इसलिए सरकार नए कानून के तहत पेपर लीक को संगठित अपराध मानेगी. नए कानून के तहत पेपर लीक के आरोपियों से ही परीक्षा आयोजित करने पर आएगी लागत वसूली जाएगी.
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