चंडीगढ़ः हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी है. अशोक तंवर को हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था. अब उन्होंने पार्टी में टिकट बंटवारे से नाराज होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है.
पिछले तीन दिन का घटनाक्रम
कांग्रेस ने 3 अक्तूबर को अपनी पहली लिस्ट जारी की थी उससे दो दिन पहले से ही अशोक तंवर के समर्थक सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद 2 अक्तूबर को अशोक तंवर ने सोनिया गांधी के घर के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए सोहना विधानसभा सीट की टिकट 5 करोड़ में बेचने का गंभीर आरोप लगाया. 3 अक्तूबर को जब कांग्रेस की पहली लिस्ट आई तो अशोक तंवर ने कांग्रेस की तमाम समितियों और कमेटियां से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद आज उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी.
अशोक तंवर के आरोप
- पार्टी में मेरा दम घुट रहा था, हमारा शोषण हो रहा था
- कुछ लोगों की राजनीतिक हत्या हुई, कुछ की होना बाकी
- कांग्रेस में कुछ लोग दम घुटते-घुटते मरने की कगार पर हैं
- कांग्रेस के अंदर के लोग ही देश को कांग्रेस मुक्त करना चाहते हैं
- कुछ पार्टी के अंदर के लोग हरियाणा को कांग्रेस मुक्त करना चाहते हैं
- हम पार्टी के अंदर भी लड़े और बाहर भी
- हुड्डा पर बिना नाम लिए बोले अशोक तंवर 24 अक्तूबर को देखेंगे वो कितने बड़े नेता हैं
- हम जैसे लोगों को राजनीति में पहले मौका नहीं मिलता और अगर मौका मिल जाता है तो बाधाएं बहुत आती हैं
- मैंने अंतिम समय तक इंतजार किया
- बड़े दुख के साथ मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ी है
- मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं
- राहुल गांधी जिन लोगों को आगे लाए उन्हें साजिश के तहत हटाया जा रहा है
- एसी में बैठकर कांग्रेस ने मुझे हटाने का फैसला लिया
- जमीनी राजनीति से कटे हुए लोग कांग्रेस में फैसला कर रहे हैं
- जब तक शोषण होता रहेगा तब तक विद्रोह होता रहेगा
- सोनिया-राहुल से कोई शिकायत नहीं
- ठेकेदारों की हो गई है अब कांग्रेस
- तुम कहते हो कि तू क्या है, मैं कहता हूं कि तू क्या है ?
- मुझे खुशी मिली इतनी कि मधुबन में न समाए, तो बाहर निकल आए
- विधानसभा चुनाव में अब मरोड़ निकालूंगा
- जिनकी गर्दन नहीं मुड़ती उनकी गर्दन का सरिया निकालूंगा
- मेरा मसीहा ही मेरा कातिल है
अशोक तंवर क्यों हुए नाराज ?
दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर को प्रदेश अध्य्क्ष पद से हटा दिया गया और उनकी जगह कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. इतना ही नहीं अशोक तंवर को चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई. दरअसल पिछले पांच साल से भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनकी कभी बनी नहीं. और हुड्डा ने चुनाव से पहले अशोक तंवर के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया और कांग्रेस पर दबाव बनाकर अशोक तंवर की छुट्टी करा दी.