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किसानों को अब तक फसल खरीद का 7500 करोड़ का किया भुगतान: डिप्टी सीएम - दुष्यंत चौटाला फसल खरीद भुगतान बयान

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि किसानों की गेहूं खरीद व भुगतान प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. अब मंडियों में गेहूं की आवक करीब 40 हजार मीट्रिक टन तक रह गई है तो वहीं गेहूं खरीद का भुगतान भी सरकार ने 7500 करोड़ रुपये तक का कर दिया है.

dushyant chautala
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Published : May 20, 2020, 8:59 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के इतिहास में पहली बार किसानों की फसल का भुगतान उनके बैंक खाते के माध्यम से सीधा किसानों के पास पहुंचा है और इस प्रक्रिया में आढ़तियों का पूरा सहयोग मिला. प्रदेश सरकार ने किसानों की गेहूं खरीद का करीब 7 हजार 500 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है और बाकी बची अदायगी को भी जल्द उठान प्रक्रिया सम्पन्न करके पूरा कर दिया जाएगा. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ये बात कही.

किसानों को भुगतान से राजस्व को मिलेगा फायदा

मंगलवार को चंडीगढ़ में अपने आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों के भुगतान से आने वाले दिनों में प्रदेश के राजस्व को फायदा मिलेगा. किसानों की गेहूं खरीद व भुगतान प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. अब मंडियों में गेहूं की आवक करीब 40 हजार मीट्रिक टन तक रह गई है तो वहीं गेहूं खरीद का भुगतान भी सरकार ने 7500 करोड़ रुपये तक का कर दिया है.

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दुष्यंत चौटाला ने साथ ही किसानों के भुगतान से प्रदेश के राजस्व को लाभ मिलने की बात कही है. उन्होंने कहा कि किसानों के पास फसल का पैसा जाने से अब वो उनका प्रयोग बाजार आकर आवश्यक वस्तुएं खरीदने में करेंगे, जैसे- आगामी फसल की बिजाई के लिए खाद-बीज, खेती से जुड़े उपकरण व अपने परिवार के लिए जरूरी सामान आदि की खरीद करेंगे और इससे कोरोना महामारी के इस संकट में प्रदेश के राजस्व को फायदा मिलेगा.

'घर जाकर अपनी फसल भी बेचने का काम करूंगा'

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बनी विपरीत स्थितियों में भी प्रदेश सरकार किसानों व आढ़तियों के सहयोग से नई फसल खरीद प्रक्रिया को सफल बनाने में कामयाब रही है. हरियाणा के इतिहास में पहली बार किसानों का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में हुआ. इतना ही नहीं इस बार किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए रातभर मंडियों में इंतजार भी नहीं करना पड़ा.

एक सवाल के जवाब में दुष्यंत ने कहा कि वे भी जल्द सिरसा जाकर अपनी गेहूं की फसल को मंडी में बेचने का काम करेंगे. वहीं उपमुख्यमंत्री ने उन सभी बड़े किसानों का शुक्रिया किया है जिन्होंने सरकार के एक आग्रह पर मंडियों में पहले छोटे किसानों को फसल बेचने का अवसर दिया और अपनी फसल स्टोर करके खरीद प्रक्रिया को सफल बनाने में सरकार का सहयोग किया.

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