चंडीगड़: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में पंजाब और हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म किए जाने का विरोध तेज हो गया है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पीसीसी चीफ कुमारी सैलजा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरेजावाला ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधते (congress targets manohar government) हुए इसे हरियाणा के अधिकारों पर कुठाराघात करार दिया है. कांग्रेस पार्टी कभी भी मोदी सरकार के षड्यंत्रकारी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी. हम सब मिल कर निर्णायक संघर्ष करेंगे और एक बार फिर मोदी सरकार को झुकाएंगे.
हुड्डा ने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड नियम-1974 के मुताबिक बीबीएमबी में सदस्य (पावर) पंजाब से और सदस्य (सिंचाई) हरियाणा से होते थे, लेकिन 2022 के संशोधित नियम में यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. संशोधित नियमों के तहत सदस्यों के चयन के मापदंड भी ऐसे रखे गए हैं. जिन्हें हरियाणा और पंजाब के बिजली विभाग पूरा नहीं कर सकते.
प्रदेश के सभी दलों को करना चाहिए इस फैसले का विरोध-भूपेंद्र सिंह हुड्डा (hooda on expelling haryana bbmb membership) ने कहा कि प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते पहले भी बीबीएमबी में हरियाणा कोटे से मिलने वाले पदों में कटौती होती रही है. तब भी हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं बोला और अब केंद्र के नए फैसले पर भी सरकार मौन धारण किए हुए है. बीजेपी-जेजेपी सरकार की यह चुप्पी प्रदेश विरोधी है. जबकि पंजाब के कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल प्रदेशहित में एकमत होकर इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार को भी सभी दलों के साथ मिलकर इस फैसले का विरोध करना चाहिए और प्रदेश के अधिकारों का संरक्षण करना चाहिए.
केंद्र के सामने प्रदेश सरकार ने टेके घुटने- हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने केंद्र की भाजपा सरकार के इस फैसले को हरियाणा विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि संशोधित नियमों के तहत सदस्यों के चयन के मापदंड भी ऐसे रखे गए हैं, जिन्हें हरियाणा के बिजली विभाग संबंधी अधिकारियों द्वारा पूरा कर पाना संभव नहीं है. यह बेहद ही शर्मनाक है कि केंद्र सरकार के इस फैसले का हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने कोई विरोध नहीं किया. यह बताता है कि हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं. प्रदेश के अधिकारों पर इस तरह का कुठाराघात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस हरियाणा विरोधी फैसले का कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करेगी.