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रोडवेज की बसों में पुलिस कर्मचारियों का किराया होना चाहिए माफ: कांग्रेस विधायक छौक्कर

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Published : Feb 27, 2020, 7:34 AM IST

कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने विधानसभा में पुलिस कर्मचारियों के लिए आवाज ऊठाई. उन्होंने रोडवेज की बसों में पुलिस कर्मचारियों का किराया माफ किए जाने की मांग रखी.

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धर्म सिंह छौक्कर, कांग्रेस विधायक

चंडीगढ़: गृहमंत्री से पुलिस कर्मचारियों का प्रदेश की रोडवेज बसों में किराया को माफ किए जाने की मांग रखी गई है. ये मांग समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के द्वारा रखी गई.

छौक्कर ने पुलिस कर्मचारियों का मुद्दा उठाया

इसके बारे में जानकारी देते हुए धर्म सिंह छौक्कर ईटीवी भारत को बताया कि हरियाणा पुलिस के लिए 24 जनवरी 2011 को एक चिट्ठी जारी की गई थी. इसमें कहा गया था कि हरियाणा पुलिस का कर्मचारी खुद अपना किराया वहन करेगा. जिसका विरोध होने के बाद डिपार्टमेंट ने अपना फैसला वापस ले लिया लेकिन एक बार फिर हरियाणा रोडवेज विभाग के डायरेक्टर जनरल द्वारा एक नई चिट्ठी जारी कर 2011 वाली चिट्ठी का जिक्र करते हुए पुलिस कर्मचारियों का किराए की छूट वाले फैसले को वापस ले लिया गया.

रोडवेज की बसों में पुलिस कर्मचारियों का किराया होना चाहिए माफ

छौक्कर ने कहा कि इस फैसले के बाद हरियाणा पुलिस से जुड़े कर्मचारी उनसे मिले और विधानसभा में इस मांग को उठाने की बात रखी. जिसके बाद इस विषय को विधानसभा के पटल पर रखा गया कि पुलिस कर्मचारी दूसरे प्रदेशों में डिपार्टमेंट के काम से आवाजाही करते हैं और वो किराया अपनी जेब से कैसे वहन कर सकते हैं. इस मांग को देखते हुए प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने इस फैसले को वापस लेने के लिए आश्वस्त कर दिया है और कहा है कि जल्द ही हरियाणा पुलिस के लिए एक बार फिर से हरियाणा रोडवेज की बसों में ये सुविधा बहाल कर दी जाएगी.

'पुलिस विभाग में स्टेशनरी ने लिए अलग बजट का प्रावधान हो'

विधानसभा में ये मांग की गई है कि पुलिस विभाग में स्टेशनरी आदि के लिए एक अलग से बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए. ताकि पुलिस कर्मचारी या कंप्लेंट इनको अपनी जेब से स्टेशनरी आदि के लिए खर्च ना उठाना पड़े. बजट ना होने के चलते भ्रष्टाचार का अंदेशा लगातार बना रहता है.

'स्थानीय लोगों को माइनिंग डिपार्टमेंट तंग करता है'

धर्म सिंह छौक्कर ने अपनी एक और मांग की जानकारी देते हुए कहा कि उनका इलाका यमुना से सटा हुआ है और अधिकतर ग्रामीणों के खेत यमुना के दायरे में आते हैं तो वो अपने घर के निर्माण या फिर धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए थोड़ी बहुत रेत बजरी लेकर आते हैं तो उन्हें माइनिंग और पुलिस डिपार्टमेंट द्वारा तंग किया जाता है जबकि बड़े-बड़े बहन अवैध माइनिंग करते हुए उनके इलाके से गुजरते हैं. उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जाता.

'यमुनानगर से दिल्ली तक फोरलेन की मांग'

छौक्कर ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने यमुनानगर से दिल्ली तक फोरलेन के निर्माण की भी मांग उठाई है जो कि केएमपी से जोड़ी जाए जिससे यमुना नगर से लेकर दिल्ली तक उनके इलाके की कनेक्टिविटी बढ़े.

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