चंडीगढ़: गुरुवार को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इस बैठक में हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सामान्य, लग्जरी और सुपर लग्जरी बसों के किराये को 85 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर एक रुपया प्रति यात्री प्रति किलोमीटर करने का निर्णय लिया है.
ये निर्णय इसलिए लिया गया ताकि बसों की संचालन लागत, जो जून, 2016 में 37.48 रुपये प्रति किलोमीटर से बढक़र दिसंबर, 2019 में 52.23 रुपये प्रति किलोमीटर हो गई है को आंशिक रूप से पूरा किया जा सके. यह वृद्धि वर्ष 2010-11 में की गई 25 प्रतिशत वृद्धि और वर्ष 2012-13 में की गई 20 प्रतिशत वृद्धि से काफी कम है. संशोधन के अनुसार, साधारण बसों के किराये को 85 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 100 पैसे प्रति किलोमीटर और 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए 105 पैसे प्रति किलोमीटर किया गया है.
अभी भी किराया पड़ोसी राज्यों से कम
इस वृद्धि के बावजूद हरियाणा में बस किराया पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की तुलना में कम रहेगा, जहां साधारण बसों का किराया प्रति यात्री प्रति किलोमीटर क्रमश: 116 पैसे, 116 पैसे (समतल)/180 पैसे (पहाड़ी), 112 पैसे (समतल)/175 पैसे (पहाड़ी), 106 पैसे और 105 पैसे है.
2016 में आखिरी बार बढ़ा था किराया
राज्य में इससे पहले 30 जून, 2016 को बस किराया संशोधित किया गया था और साधारण बस का किराया 75 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 85 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किया गया था. इससे पूर्व, बस किराया 4 अक्तूबर, 2010 को 50 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 62.50 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर और 13 दिसंबर, 2012 को दोबारा 60 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 75 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किया गया था.
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हरियाणा में बस किराये में किए गए अंतिम संशोधन के बाद से, विशेष रूप से कर्मचारियों, डीजल, स्पेयर पाट्र्स, टायर-ट्यूब, लुब्रीकेंट, बस चेसिस, बस निर्माण लागत और बीमा इत्यादि पर खर्चे में वृद्धि के कारण परिचालन खर्च बढ़ गया था. प्रति किलोमीटर खर्च जून, 2016 में 37.48 रुपये से बढकऱ दिसंबर, 2019 में 52.23 रुपये हो गया.
रोडवेज को हो रहा है घाटा
राज्य में बस संचालन लागत में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बढ़े हुए खर्च के परिणामस्वरूप, हरियाणा रोडवेज भारी नुकसान के साथ कार्य कर रहा है और रोडवेज को चालू वित्त वर्ष में जनवरी, 2020 तक 726.21 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. राज्य में कल्याण गतिविधियों के दायरे का भी विस्तार किया गया है और 41 श्रेणियों को नि:शुल्क और रियायती दर पर यात्रा सुविधा दी जा रही है. अधिसूचित श्रेणियों को नि:शुल्क / रियायती यात्रा सुविधा प्रदान करने पर लगभग 375 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.
अन्य प्रकार की बस सेवाओं, जिनमें हीटिंग, वेंटिलेटिंग और एयर कंडीशनिंग बसें (हरियाणा रोडवेज के बेड़े में जोड़े जाने वाले वाहन की नई प्रकार की सेवा) शामिल हैं, के किराए को 150 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर तक बढ़ाया गया है. इंट्रा-स्टेट लग्जरी वातानुकूलित बसों (दिल्ली और चंडीगढ़ को जोडऩे वाला इंट्रा-स्टेट लॉन्ग रूट पर पुरानी वोल्वो / मर्सिडीज बसें चलाने का प्रस्ताव है) वोल्वो / मर्सिडीज के लिए 175 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर और सुपर लग्जरी एयर कंडीशंड बसों, वोल्वो / मर्सिडीज (चंडीगढ़-दिल्ली-गुरुग्राम रूट पर परिचालन) का किराया बढ़ाकर 250 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किया गया है.
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न्यूनतम प्रभार्य साधारण बस किराया (यात्री कर सहित) पांच रुपये होगा. व्यक्तिगत सामान के लिए किराया प्रति 40 किलोग्राम प्रति किलोमीटर के लिए साधारण बस के किराए का आधा होगा. इसी प्रकार, 40 किलोग्राम वजन से नीचे के व्यक्तिगत सामान के लिए कोई किराया नहीं लिया जाएगा. वर्तमान में, इसके बेड़े में किलोमीटर स्कीम की 485 बसों सहित कुल 4294 बसें हैं, जो 24 डिपो और 13 उप डिपो से संचालित हैं। हरियाणा रोडवेज की बसें रोजाना लगभग 10.38 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं और 9.65 लाख लोगों को यात्रा सुविधा प्रदान करती है.