चंडीगढ़: देश की सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी अपना 42वां स्थापना दिवस (BJP Establishment Day) मना रही है. 42 साल पहले शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक बन चुकी है. बीजेपी द्वारा दिए गए आंकड़ों की मानें तो बीजेपी के इस समय 18 करोड से ज्यादा कार्यकर्ता हैं जो दुनिया के कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा हैं. देश के अलावा भारतीय जनता पार्टी कई अन्य प्रदेशों में भी अपनी सरकार चला रही है. इन्हीं में से एक राज्य है हरियाणा. दिल्ली के पड़ोसी इस राज्य में कभी बीजेपी के टिकट पर लड़ने वाले उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे. लेकिन 42 साल में अब बहुत कुछ बदल गया है.
हरियाणा में बीजेपी का पहला चुनाव- भाजपा ने अपने गठन के 2 साल बाद ही साल 1982 में पहली बार हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ा. तब बीजेपी देवीलाल के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरी थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से उसे 6 उम्मीदवारों को जीत मिली. 5 साल के बाद साल 1987 में भाजपा ने एक बार फिर देवीलाल के साथ मिलकर हरियाणा में चुनाव लड़ा और इस बार उन्होंने सरकार बनाई. तब देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 90 में से 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिनमें से 16 की जीत हुई थी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कुल 10.08 फीसदी वोट हासिल हुए थे.
बीजेपी का हरियाणा में पहला अकेला चुनाव- इसके बाद साल 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में बिना गठबंधन के अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस चुनाव में पार्टी ने 90 में से 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. लेकिन भाजपा की स्थिति इतनी खराब हो गई कि उसे मात्र 2 सीटों पर ही जीत मिल पाई. इन चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत घटकर 9.43 फीसदी रह गया. इसके बाद साल 1996 में भाजपा ने बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ हाथ मिलायाऔर विधानसभा चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से उसे महज 3 सीटों पर ही जीत मिली. इन चुनावों में भाजपा को 8.88% वोट मिले.
हालांकि भाजपा और हरियाणा विकास पार्टी के गठबंधन की जीत हुई और बंसीलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. लेकिन भाजपा ने साल 1999 में बंसीलाल से समर्थन वापस ले लिया. हरियाणा विकास पार्टी से अलग होकर ओम प्रकाश चौटाला को समर्थन दिया और ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बन गए. साल 2000 में फिर से हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए इस साल भाजपा ने फिर से चौटाला परिवार में विश्वास जताया और मिलकर चुनाव लड़ा. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिनमें से उसे 6 सीटों पर जीत मिली. हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा का वोट प्रतिशत ज्यादा नहीं बढ़ा वोट प्रतिशत 0.06% बढ़कर 8.94% तक पहुंचा. इन चुनावों में भी इस गठबंधन की जीत हुई और प्रदेश में ओम प्रकाश चौटाला की अगुवाई में सरकार बनी.
जब बीजेपी के महज 2 विधायक जीते- हालांकि चुनाव में भाजपा और इनेलो गठबंधन ने जीत हासिल कर सरकार तो बना ली थी लेकिन इसके बाद भाजपा ने अपना रास्ता अकेले तय करने की सोच ली थी. साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन इन चुनाव में भाजपा की बुरी हार हुई 90 में से महज 2 सीटें मिली. जिनमें से नारनौल से राम कुमार और हसनगढ़ सीट से नरेश कुमार जीते. इन चुनावों में भाजपा का वोट शेयर 10.36% रहा. इन चुनावों में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी.