चंडीगढ़:बीजेपी को समर्थन देते ही दुष्यंत चौटाला को बड़ी खुशखबरी मिली है.जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटला को 2 हफ्ते के लिए जेल से छुट्टी मिल गई है. यानी कि अजय चौटाला दो हफ्ते के फरलो पर जेल से बाहर आ रहे हैं.
फरलो पर जेल से बाहर आ रहे अजय चौटाला
आपको बता दें कि अजय सिंह चौटाला हरियाणा राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले चौटाला परिवार से आते हैं. इनके पिता ओमप्रकाश चौटाला व दादा चौधरी देवी लाल हरियाणा के माने जाने जाट नेता और मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्तमान में अजय सिंह चौटाला अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के साथ तिहाड़ जेल में सजा काट रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी. इनकी पत्नी नैना चौटाला भी हरियाणा राजनीति में सक्रिय हैं. इनके दो बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला हैं जो मौजूदा वक्त में पिता की अनुपस्थिति में परिवार से अलग पार्टी बनाकर अपनी राजनीतिक पहचान बनाने में लगे हुए हैं. पारिवारिक घमासान के बीच बेटे दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता दल नामक अपनी अलग पार्टी बनाई है.
अजय चौटाला का राजनीतिक जीवन
- अजय सिंह चौटाला का जन्म हरियाणा के सिरसा में 13 मार्च 1961 को चौटाला परिवार में हुआ था
- इनके पिता ओमप्रकाश चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल के मुख्य नेता हैं
- अजय ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक किया
- राजस्थान विश्वविद्यालय से अजय चौटाला ने एम. ए. और कानून की डिग्री ली
- 1980 में अजय चौटाला ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा
- अजय चौटाला राजस्थान से दो बार विधायक रहे
- 1999 में हरियाणा की भिवानी लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने
- 2004 में अजय चौटाला राज्यसभा के निर्वाचित हुए
- 2009 में अंतिम बार हरियाणा के डबवाली से विधायक बने
- 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद उनको 10 साल की सजा सुनाई गई
क्या था शिक्षक भर्ती घोटाला
दिल्ली की एक अदालत ने तीन हजार से अधिक शिक्षकों की अवैध भर्ती के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला समेत 54 अन्य को दोषी ठहराया. इस मामले में अजय चौटाला भी दोषी करार दिए गए हैं. अदालत ने इस घोटाले में कुल 55 लोगों को दोषी करार दिया. ये घोटाला 1999 से 2000 के बीच का है जब 3 हज़ार से ज़्यादा शिक्षकों की भर्ती की गई थी. शिक्षा विभाग के ही एक आईएएस अफसर संजीव कुमार की शिकायत पर इस घोटाले का खुलासा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी. मामले में ये बात साबित हुई कि जेबीटी भर्ती में नौकरी पाने वाले हर व्यक्ति से 3 से 5 लाख रुपए की रिश्वत ली गई थी.
2013 में हुआ चौटाला परिवार में फूट का आगाज
साल 2013 में चौटाला परिवार में फूट की शुरुआत हुई. जब देवीलाल चौटाला के बेटे ओपी चौटाला और पोते अजय चौटाला जेबीटी घोटाले में 10 साल के लिए जेल गए. इसके बाद INLD की कमान अभय चौटाला के हाथ में आ गई. 2014 के चुनाव में अजय चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला राजनीति में आए. 2014 में दुष्यंत हिसार लोकसभा सीट से कुलदीप बिश्नोई को हराकर सबसे युवा सांसद बने.
दो खेमों में बंट गई पार्टी
दुष्यंत के सांसद बनने के बाद ही राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी हार गई. कारण था दुष्यंत के सांसद बनने के बाद पार्टी का दो खेमों में बंट जाना. पार्टी का एक गुट अभय चौटाला के साथ हो गया और दूसरा दुष्यंत के साथ. 2018 में पार्टी की फूट पूरी तरह से सामने आ गई. ओमप्रकाश चौटाला ने दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से बाहर निकाल दिया. इनेलो की कमान अभय के पास पूरी तरह से आ गई.