चंडीगढ़: हरियाणा में खरीफ फसलों की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी. किसानों को कोई दिक्कत ना आए इसके लिए राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ काम कर रही है. मुख्यमंत्री खुद खरीद प्रक्रिया की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. राज्य सरकार ने उन किसानों के लिए मेरा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल 3 दिनों के लिए दोबारा खोला है जो किसान अपनी फसल का पंजीकरण नहीं करवा पाए थे.
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि 1 अक्टूबर से हरियाणा में धान की खरीद शुरू हो जाएगी और किसानों के खाते में सीधी पेमेंट होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी पर ही धान की खरीद होगी. इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने मंडियों में इस बार धान की ढुलाई सहित सीधी पेमेंट की पूरी तैयारी कर ली है.
इन सब के बीच जो सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है वो ये है कि आढ़तियों ने हड़ताल कर रखी है. जिसको लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल कहते हैं कि कुछ लोग किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले हैं. वे कहते हैं कि यह वह लोग हैं जो जैसे ही फ्री का समय आता है हड़ताल और नारेबाजी करने लग जाते हैं. कृषि मंत्री कहते हैं कि ये समय किसानों की मेहनत का मूल्य मिलने का है. इसलिए ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर हड़ताल जारी रहती है तो सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करेगी. प्रशासन खुद खरीद शुरू करवाएगा और किसान को उसकी फसल की कीमत मिलेगी. दरअसल प्रदेश की मंडियों में काम करने वाले आढ़ती ई नेम की मंडियों का विरोध कर रहे हैं.
क्या है ई-नेम मंडी- कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब भी कोई किसान एमएसपी से अलग कोई फसल मंडी में लेकर आता है, यानी जो फसल मंडी में एमएसपी पर नहीं खरीदी जाती तो उसके प्रोडक्ट को सर्टिफाई करके अपलोड करना होता है. इसके बाद देश की कोई भी मंडी जो ई नेम से जुड़ी होती है वह उसके प्रोडक्ट पर बोली लगाकर उसको खरीद सकती है. इससे किसान की फसल को किसी भी मंडी में खरीदार जहां पर ज्यादा दाम में खरीद रहा होगा उसको बेचा जा सकता है. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि इससे आढ़तियों को कोई नुकसान नहीं होगा. उनकी आढ़त फिर भी मिलेगी.