भिवानी: जिले की मंडी में युवा कल्याण संगठन ने दौरा किया और किसानों की परेशानियों को जाना. चारा मंडी का दौरा करते वक्त किसानों ने बताया कि सरसों की फसल हमारे लिए आफत बनी हुई है. सरकार ने ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन और 25 क्विंटल प्रति किसान बेचने की जो शर्त लगाई है. वो सरासर गलत है. वहीं किसान का कहना है कि सरकार की नीतियों की वजह से वो मजबूरी में सरसों को 3300 और 3400 रुपये के भाव से बेचने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि हमे पैसे की जरूरत है और घर में शादियां हैं.
सरसों की खरीद बनी आफत, औने-पौने दाम में फसल बेचने को मजबूर किसान - सरसो खरीद में परेशानी
जिले में सरसों की फसल किसानों के लिए आफत का सबब बनी हुई है. सरसों खरीद पर लगाई गई शर्तें पूरी न हो पाने पर किसान सस्ते दाम में फसल बेचने को तैयार हैं.
अफसरशाही की वजह से सरकार हो रही बदनाम
युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से ऑनलाईन एक जटिल प्रक्रिया है, उसको किसान अच्छी तरह समझ नहीं पाएं हैं, जिसकी वजह से किसान मजबूरी में अपनी सरसों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. अफसरशाही की वजह से सरकार बदनाम हो रही है. इसीलिए मुख्यमंत्री को तुरंत इस ओर ध्यान देना चाहिए
सरकार को चेतावनी
कमल सिंह प्रधान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार चेतती नहीं है, तो युवा कल्याण संगठन अधिकारियों का घेराव करेगा और धरने पर बैठ जाऐंगे.