भिवानी: हरियाणा में जलभराव व सेम से प्रभावित भूमि को कृषि योग्य बनाकर किसानों को खुशहाल किया जाएगा और सौर ऊर्जा पर आधारित जल निकासी प्रणाली को जलभराव वाले क्षेत्रों में लागू किया (JP Dalal launched drainage system scheme) जाएगा, जिससे बारिश ओर सेम का पानी निकालकर नजदीकी ड्रेन में डाला जाएगा. यह बात प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने शनिवार को अपने पैतृक गांव घुसकानी में करीब एक करोड़ दस लाख रुपए की लागत से बनी सौर ऊर्जा पर आधारित जल निकासी प्रणाली योजना का शुभारंभ करने के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए (drainage system scheme in Bhiwani) कही.
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने सौर ऊर्जा पर आधारित जल निकासी प्रणाली योजना का भिवानी में किया शुभारंभ कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, किसान के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. किसानोंं को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में प्रदेश की एक लाख सेमग्रस्त व जलभराव की जमीन को सुधारने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी शुरुआत गांव घुसकानी से की गई है. धीरे-धीरे इस क्षेत्र के सभी जलभराव या सेमग्रस्त प्रभावित गांवों में इस योजना को लागू किया जाएगा, ताकि जलभराव से किसान को किसी प्रकार का नुकसान न हो और वहां पर पानी निकासी करके खेती की जा सके.
दलाल (Agriculture Minister JP Dalal) ने कहा कि जिला भिवानी में करीब सवा लाख एकड़ भूमि जलभराव और सेमग्रस्त है, जिसमें मुख्यरूप से मिताथल, गुजरानी, जाटू लोहारी, मंढाणा, मुंढाल, तिगड़ाना, तालू, धनाना, चांग व आसपास के गांव शामिल हैं. इन गांवों में पाइप लाइन डालकर व पंपसेट लगाकर खेतों का पानी नजदीकी ड्रेन में डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना सौर ऊर्जा पर आधारित है, जिससे बिजली का कोई खर्च नहीं आएगा. दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब, किसान, मजदूर व आमजन के लिए जन हितैषी नीतियां लागू कर रही है.
सरकार बिना किसी भेदभाव से मेरिट के आधार पर युवाओं को रोजगार दे रही है. सरकार गरीब का हक मरने नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में अन्य प्रदेशों की मुकाबले सबसे अच्छी किसान नीति लागू की जा रही है. किसान को उनकी फसल का पूरा भाव मिल रहा है, जो अब से पहले किसी सरकार के दौरान नहीं मिला है. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे मोटे अनाज की खेती को छोड़कर पशुपालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, मशरूम, नेट हाउस, पॉलीहाउस और फूड प्रोसेसिंग को अपनाएं ताकि उनकी आय बढ़े और युवाओं को नया रोजगार मिले.
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