अंबाला: स्टेट विजिलेंस टीम ने अंबाला में हुए इस स्टाम्प घोटाले को लेकर अंबाला छावनी तहसील से रिकार्ड तलब किया है ताकि इस स्टाम्प घोटाले की बाकी परतों को भी खोला जा सके. बहरहाल विजिलेंस द्वारा मामला दर्ज होने के बाद तहसील कार्यालय भी खुद का रिकार्ड खंगालने में लग गया है क्योंकि अगर ये घोटाला बड़ा निकला तो इस मामले में कई और लोग फंसेंगे.
अंबाला में स्टाम्प पेपर की टेंपरिग करके रजिस्ट्रियां करवाने के आरोप में फंसे इनेलो नेता ओंकार सिंह के बेटे दमनप्रीत सिंह व उसके दो साथियों पर स्टेट विजिलेंस की टीम ने आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है.
साल 2011 में अंबाला छावनी के सावन विहार में 65 गज के मकान की खरीद फरोख्त में 35300 रुपये के फर्जी स्टांप पेपर का इस्तेमाल किया गया. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच करने की सिफारिश की गई थी जिसके बाद मामला सरकार द्वारा स्टेट विजिलेंस को दिया गया और विजिलेंस ने जांच पूरी होने के बाद मामला दर्ज कर लिया है.
विजिलेंस द्वारा अंबाला में हुए इस स्टांप घोटाले पर मामला दर्ज होने के बाद अब अंबाला छावनी तहसील भी हरकत में आ गई है. नायब तहसीलदार की मानें तो उन्होंने अपनी ही तहसील का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है क्योंकि अगर तहसील कार्यालय में हुए इस घोटाले के तार तहसील में हुई कुछ अन्य रजिस्ट्रियों से जुड़े हुए हैं तो ऐसे में वो अधिकारी भी नपेंगे जिन्होंने ये रजिस्ट्रियां करते समय आंखें मूंद ली थी. लिहाजा आलाधिकारी खुद इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों पर उचित कार्यवाई की बात कर रहे हैं.